भोपाल। नारद जी संवाददाता थे, एक जगह का संवाद दूसरी जगह पहुंचाते थे। तीनों लोकों में उनका संवाद था, देवता और दानव सभी देवर्षि नाराद का सम्मान करते थे। उनके सारे क्रियाकलापों का उद्देश्य लोकमंगल यही होता था। विश्व पटल पर भारत की भूमिका पर बात कर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य और वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी भी सम्मिलित होंगे
लक्ष्मण रामचरित का मेरूदण्ड - डॉ. गोस्वामीगीत नाटिका - अहिल्या उद्घार ने किया अभिभूत मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद जनजातीय लोककला एवं बोली विकास अकादमी की इकाई तुलसी शोध संस्थान, चित्रकूट द्वारा दिनांक 15 मई 2022 को त
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन दर्शन, शहीदी, वाणी की विलक्षणता के महत्त्व पर बोलते हुए उनके जीवन की प्रासंगिकता समझकार उनकी वाणी से सीखने के लिए कहा।
औरंगजेब एक पत्थर दिल सुन्नी मुसलमान शासक था वह अपने आप को खुदापरस्त होने का दाहवा करता था, लेकिन खलकत उसके जुल्म का शिकार हो रही थी। उसके मन में इस्लाम की खिदमत का जज्बा, जुनुन की हद तक पहुँच गया था। उसने अपने सगे भाईयों का कत्ल करके पिता को कारावास में बंद कर भूखे प्यासे मरने पर मजबूर कर दिया था, वह ललित कलाओं का भी दुश्मन था उसने संगीतकारों का सम्मान तो क्या कहना था वरन् उन पर हर तरह की पाबंदियों लगा रखी थी कोई रियाज नहीं कर सकता था, साजो की मीठी धुन उसे विचलित कर देती थी।
मुस्लिमों द्वारा की निंदनीय घटना ने एक पुरे परिवार की खुशियों पर पानी दल दिया. शादी में आये बारातियों से मारपीट कर समर, फरहान, जुनैद, साबिर, अनस और डग्गा खान सहित 2 दर्जन आरोपियों ने एक परिवार के घर आयीं खुशियों को घर के सामने से लौटा दिया. उन्होंने
ग्वालियर। मुगलों और अंग्रेजों के शासन के समय जो वैचारिक षड्यंत्र और चुनौतियां थीं वो आज भी हमारे सामने हैं। भारत में आज भी एक वर्ग ऐसा है जो मुगलों और अंग्रेजों के वैचारिक एजेण्डे पर काम कर रहा है। यह बात मुख्य वक्ता जनसंपर्क मप्र के सेवानिवृत्त संच
ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद न्यायालय ने उस जगह को सील करने का आदेश जारी किया है। वाराणसी कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिए गए हैं कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। ज्ञानवाप
ज्ञानवापी परिसर में न्यायालय के आदेश के बाद सोमवार को तीसरे दिन का सर्वे का कार्य समाप्त हो गया है। वादी पक्ष की ओर से पैरोकार सोहनलाल ने बताया कि अंदर हमें बाबा मिल गये हैं। उन्होंने ये भी बताया कि तालाब में बाबा मिले हैं। उन्होंने इशार
धर्मांतरण के आरोप में मामला पंजिबद्द है। इस मामले के सामने आते ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में खुफिया तंत्र को धर्मांतरण पर नजर रखने के निर्देश दिए है। वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मध्य प्रदेश में लालच देकर धर्मांतरण करने का पाप करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
महाराणा प्रताप महान शूरवीर महाराणा प्रताप जन्म दिवस - 9 मई 1540महाराणा प्रताप का नाम भारत के इतिहास में उनकी बहादुरी के कारण अमर है। उनका जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ किले में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह था और माता महारानी ज
कई बार तो ठेले पर सब्जी बेंचने तक वह पहुँच जाती थीं. वह बताती हैं कि शाम के समय जब भीड़ अधिक रहती थी तो वह सब्जी विक्रय कराने में परिजनों को सहयोग देती थीं फिर रात 10 बजे दुकान बंद करके घर आया करती थीं. जिसके बाद ११ बजे अध्ययन हेतु बैठ जाती थीं।
बापट जी मौन साधक थे - दत्तात्रेय होसबाले
प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु। अर्थात ये परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव
प्रतिमा का इतिहास भोजशाला धार स्तिथ वही स्थान है जहां राजा भोज ने संस्कृत विद्यालय और माता सरस्वती के मंदिर का सृजन करवाया था. माता सरस्वती की यह प्रतिमा भोजशाला की ही है, जो कि अभी भारत में नहीं है. यह प्रतिमा ब्रिटेन में है, जिसे म्यूजि
भोपाल। सोमवार को जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में भोपाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक से मुक्ति के लिए आभार जताया।।प्रधानमंत्री जब भोपाल के जम्बूरी मैदान में कार्यक्रम के बाद बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के हैलीपैड से नव
सेवागाथा – वैदिक परंपराओं का पुनर्जागरण सुरभि शोध संस्थान (वाराणसी)
सेवागाथा - हर मुश्किल के साथी।
राष्ट्र सेविका समिति ने बनाई कोविड संजीवनी हेल्प लाइन
बालाघाट -अयोध्या में श्री राम लला का मंदिर 500 वर्षों के बाद पुनः बनने को अब तैयार है. सैकड़ों वर्षो के प्रतीक्षा के बाद एक भव्य राम मंदिर के लिए पूरा देश उत्सुक है. देश का हर समाज हर वर्ग हर पंथ इसमें अपना सहयोग देना चाहता है. इसी वजह से श्री राम मंदिर
नेताजी की 125वीं जयंती एवं पराक्रम दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने आयोजित किया रक्तदान शिविर और विशेष व्याख्यान भोपाल। कोरोना काल
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए देशभर में निधि समर्पण अभियान प्रारंभ हो गया है. मंदिर की नींव को लेकर विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं. जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ होने की आशा है. निधि समर्पण अभियान और श्रीराम मंदिर निर्माण को ले
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए 15 जनवरी से 14 फरवरी 2021 तक मध्यप्रदेश में जन-जन को जोड़कर निधि समर्पण के अंतर्गत राशि संग्रह की जाएगी, इसके लिए शनिवार राजधानी भोपाल में विस्तृत योजना बनी है। इसमें आम लोग कूपन से भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण में अपनी श्रद्धा निधि समर्पण राशि दे सकेंगे। जिसके लिए 10 रुपये, 100 रुपये और 1000 रुपये के कूपन तैयार किए गए हैं। इसके अलावा जिन्हें इससे अधिक राशि देनी है वे डीडी, चेक या रसीद-बुक से अपने पेन नंबर के साथ दे सकेंगे।