विशेष- मंदिर में लगती है भगवान शिव की कचहरी

दूर-दूर से भक्त आते हैं परेशानी लेकर

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    25-Jul-2022
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ग्वालियर शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर गिरगांव में भगवान महादेव का 1000 साल पुराना दिव्य मंदिर हैं। जहां भगवान महादेव एक देवता ही नहीं बल्कि न्यायमूर्ति महादेव के रूप में विराजे हैं। इस मंदिर की विशेषता है कि शिवरात्रि पर महादेव की अदालत लगती है। भगवान भोलेनाथ स्वयं लोगों के मामले सुनते हैं और उन पर फैसला भी सुनाते हैं। इस फैसले के खिलाफ कोई भी नहीं जाता।
 
इतना ही नहीं पूरा गांव और आसपास के राज्यों से आने वाले लोग महादेव के फैसले को मानते हैं। लोगों का मानना है कि महादेव का फैसला ही आखिरी होता है।
 
यहां महादेव की कचहरी लगती है। यहां पंच बैठते हैं और मामलों को सुना जाता है। दोनो पक्षों के द्वारा दलीलें प्रस्तुत की जाती हैं। आखिर में भगवान महादेव न्यायमूर्ति बनकर अपना फैसला सुनाते हैं। महादेव की ओर से पंचों द्वारा सुनाया गया ये फैसला ही लोगों के लिए आखिरी होता है। इस मंदिर की मान्यता ऐसी है कि इसे फैसले के बाद कभी कोई कहीं अपील नहीं करता है।
 
मंदिर से जुड़े लोग और ग्रामीण बताते हैं कि यहां सोमवार को भव्य पूजा की जाती है और महादेव की अदालत लगती है। कोई भी व्यक्ति जब भी चाहे महादेव की कचहरी में अपील कर सकता है।
 
बताया जाता है कि लोगों की इस मंदिर के प्रति आस्था बहुत गहरी है, इसलिए लोग अपने झगड़े लेकर महादेव के पास आते हैं। यहां अभी तक महादेव 1000 से ज्यादा फैसले सुना चुके हैं। हर महाशिवरात्री को यहां बड़ी अदालत लगती है और भारी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते है।
 
यहाँ सिर्फ प्रदेश के ही नहीं बल्कि राजस्थान, यूपी और गुजरात से भी लोग यहां महादेव की कोर्ट में अपने मामले लेकर आते हैं।
 
बताया जाता है कि महादेव की कोर्ट में ऐसे मामले ज्यादा आते हैं जिसके किसी पक्ष को दूसरे पक्ष पर हत्या, चोरी, षडयंत्र का शक हो। महादेव की कसम खाने के बाद लोगों को उनकी बात पर यकीन हो जाता है। आजकल पारिवारिक कलेश और ऐसे मामले में काफी संख्या में आ रहे हैं।
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