भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेकों वीरांगनाओं के अदम्य साहस और बलिदान की शौर्य गाथाएं हैं। 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में जब देश परतंत्रता की जंजीरों में जकड़ा था, तब बुंदेलखंड, अवध, झांसी और मध्य भारत की अनेक रानियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्रता का बिगुल बजाया।
पुस्तक ‘रिपोर्टर ऑन द ग्राउंड’ विशेष रूप से उन विद्यार्थियों एवं युवा पत्रकारों को ध्यान में रखकर लिखी गई है, जो पत्रकारिता में कदम रखना चाहते हैं, और जिन्हें टेलीविज़न में रिपोर्टर के रूप में करियर बनाना है या फिर जो सोशल मीडिया के माध्यम से ऑडियो-वीडियो पत्रकारिता में करियर बनाना चाहते हैं।
भारतीय समाज का मूल आधार उसकी परिवार व्यवस्था है। पश्चिमी समाज जहाँ व्यक्तिगत स्वतंत्रता और एकल जीवन की प्रवृत्ति को अधिक महत्व देता है, वहीं भारत में “परिवार” केवल संबंधों का समूह नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक संस्था है। यह संस्था न केवल आर्थिक सहयोग, सामाजिक सुरक्षा और भावनात्मक सम्बल प्रदान करती है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को संस्कार और मूल्य भी देती है। इस संस्था की धुरी, प्रेरक शक्ति और संतुलन का केन्द्र सदैव महिला रही है। बदलते सामाजिक और आर्थिक परिवेश में महिला की भूमिका निरंतर रूपांतरित हुई है, किंतु
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श्चर्यजनसंघ को लेकर सबसे चर्चित विमर्शों में से एक महिलाओं की स्थिति और भूमिका है। कहा जाता है कि संघ में महिलाओं का सम्मान और सहभागिता नहीं है। यह धारणा आक ही नहीं, बल्कि दया उत्पन्न करने वाली भी है। बिना शोध और बिना जानकारी के संसद से लेकर सोशल मीडिया तक इस तरह का भ्रम फैलाया जाता है। किंतु वास्तविकता बिल्कुल भिन्न है।
पंडित माखनलाल चतुर्वेदी उन विरले स्वतंत्रता सेनानियों में अग्रणी हैं, जिन्होंने अपनी संपूर्ण प्रतिभा को राष्ट्रीयता के जागरण एवं स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया। अपने लंबे पत्रकारीय जीवन के माध्यम से माखनलाल जी ने रचना, संघर्ष और आदर्श का जो पाठ पढ़ाया, वह आज भी हतप्रभ कर देने वाला है।
ग्वालियर। भारत की मूल अवधारणा साधना और स्वाध्याय है। इसी वजह से कई आक्रमणों के बाद भी भारत स्वयं को बचाए हुए है। भारत को लंबे समय से भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं वैचारिक रूप से भी खंडित करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें वैचारिक प्रदूषण से बचना होगा।&
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में लालच देकर मतांतरण कराने का मामला सामने आया है. फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने दो महिला सहित 7 लोगों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है. पूरा मामला रायसेन जिले के थाना औद्योगिक क्षेत्र सतलापुर का
भोपाल, 18 फरवरी। भोपाल विभाग की मातृशक्ति जागरण मंच द्वारा शनिवार को अपना द्वितीय स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान 17 इकाईयों ने अलग-अलग स्थानों पर धूमधाम से मनाया गया। इन सभी कार्यक्रमों में समाज की प्रबुद्ध महिलाओं सहित अधिकारियों,
मानव देह में भगवान श्रीराम ने जिन शाश्वत जीवन मूल्यों की स्थापना की, वे सार्वभौमिक, सर्वकालिक एवं सार्वदेशिक हैं। इसलिए राम केवल भारत में ही नहीं अपितु दुनियाभर में आराध्य हैं। जीवन की अलग-अलग भूमिकाओं में मनुष्य का आचरण कैसा होना चाहिए, इसका आदर्श राम ने
सौरभ तामेश्वरी :ग्रेगोरियन कैलेंडर के परिवर्तन के साथ ही पाश्चत्य नववर्ष प्रारंभ होने जा रहा है. लोगों द्वारा नए वर्ष में नए विचारों के साथ स्वयं में सुधार करने की योजनायें बनायी जाती हैं. जीवन और लक्ष्यों को लेकर अनेक नवाचार किये जाते हैं, लेकिन अगर आपसे
भारत में आज जो मुसलमान हैं, उन सबके पूर्वज हिन्दू ही थे। उन्हें अपने पूर्वजों के पवित्र धर्म में वापस लाने का सर्वाधिक सफल प्रयास स्वामी श्रद्धानन्द ने किया। संन्यास से पूर्व उनका नाम मुंशीराम था। उनका जन्म 1856 में ग्राम तलबन (जिला जालन्धर, पंजाब)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक का काम ऐसे समर्पित लोगों के बल पर खड़ा है, जिन्होंने गृहस्थ होते हुए भी अपने जीवन में संघ कार्य को सदा प्राथमिकता दी. ऐसे ही एक यशस्वी अधिवक्ता थे श्री उत्तमचन्द इसराणी. श्री इसराणी का जन्म 10 नवम्बर, 1923 को सिन्ध प्रान्त में सक
विनोद जोहरी- संक्रान्ति का अर्थ है, ‘सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण (जाना)’. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. पूरे वर्ष में कुल 12 संक्रान्तियां होती हैं. लेकिन इनमें से चार संक्रांति मे
गीता जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। बताया जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण के मुख से गीता के उपदेश निकले थे। पूरे विश्व भर में मात्र श्रीमद भगवत गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष
गुरू पूर्णिमा के अवसर पर देश भर में गुरू दक्षिणाओं के कार्यक्रम होते हैं। ऐसे मनाई जाती है शाखाओं में गुरु पूर्णिमा- संघ की प्रत्येक शाखा 'व्यास पूर्णिमा'/ गुरू पूर्णिमा
बालासोर: 3 जून ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। संघ के स्वयंसवकों ने करीब 500 यूनिट रक्तदान किया है। बालेश्वर जिले के बाहनगा रेलवे स्टेशन के निक
संघ का सेवा कार्य- दस दिवसीय दन्त चिकित्सा शिविर का आयोजन सैकड़ों की संख्या में नागरिकों ने उठाया लाभ नागरिकों ने संघ के कार्य को सराहा भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवा विभाग के द्वारा
सेवागाथा – वैदिक परंपराओं का पुनर्जागरण सुरभि शोध संस्थान (वाराणसी)
सेवागाथा - हर मुश्किल के साथी।
राष्ट्र सेविका समिति ने बनाई कोविड संजीवनी हेल्प लाइन
बालाघाट -अयोध्या में श्री राम लला का मंदिर 500 वर्षों के बाद पुनः बनने को अब तैयार है. सैकड़ों वर्षो के प्रतीक्षा के बाद एक भव्य राम मंदिर के लिए पूरा देश उत्सुक है. देश का हर समाज हर वर्ग हर पंथ इसमें अपना सहयोग देना चाहता है. इसी वजह से श्री राम मंदिर
नेताजी की 125वीं जयंती एवं पराक्रम दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने आयोजित किया रक्तदान शिविर और विशेष व्याख्यान भोपाल। कोरोना काल
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए देशभर में निधि समर्पण अभियान प्रारंभ हो गया है. मंदिर की नींव को लेकर विशेषज्ञ मंथन कर रहे हैं. जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ होने की आशा है. निधि समर्पण अभियान और श्रीराम मंदिर निर्माण को ले
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए 15 जनवरी से 14 फरवरी 2021 तक मध्यप्रदेश में जन-जन को जोड़कर निधि समर्पण के अंतर्गत राशि संग्रह की जाएगी, इसके लिए शनिवार राजधानी भोपाल में विस्तृत योजना बनी है। इसमें आम लोग कूपन से भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण में अपनी श्रद्धा निधि समर्पण राशि दे सकेंगे। जिसके लिए 10 रुपये, 100 रुपये और 1000 रुपये के कूपन तैयार किए गए हैं। इसके अलावा जिन्हें इससे अधिक राशि देनी है वे डीडी, चेक या रसीद-बुक से अपने पेन नंबर के साथ दे सकेंगे।