16 सितंबर को किसान संघ के महामंत्री उज्जैन में, किसान रैली में हिस्सा लेंगे

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    13-Sep-2025
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राहुल धूत
 
 
 
 उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ को लेकर सरकार द्वारा जिस तौर तरीके से किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है और किसानों पर जबरदस्ती जमीन देने का दबाब डालने पुलिस से परेशान किया जा रहा है। इसको लेकर भारतीय किसान संघ का केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व सरकार से खासा नाराज है। किसान संघ के सूत्रों की माने तो किसान संघ ने लैंड पुलिंग एक्ट के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन की तैयारी कर ली है। प्रदेश में तहसील मुख्यालयों में ज्ञापन दिवस कार्यक्रम के साथ गांव गांव लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ किसानों में जनजागरण किया जा रहा है। किसान संघ के ताल ठोकने के बाद अब साफ है कि आने वाले दिनों में उज्जैन बड़े किसान आंदोलन का केंद्र बनने जा रहा है।
 
16 सितंबर को उज्जैन आ रहे मोहिनी मोहन मिश्र
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने जानकारी देते हुए बताया कि 16 सितंबर को किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र का उज्जैन आगमन हो रहा है और वे मंगलवार को आयोजित सामाजिक न्याय परिसर से प्रारंभ विशाल किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगे। श्री आंजना ने बताया कि प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत प्रदेशभर के तहसील मुख्यालयों में किसानों की विभिन्न समस्याओं व मांगो के ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। इसी कड़ी में उज्जैन में भी महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र की उपस्थिति में ज्ञापन कार्यक्रम होगा और किसान संघ सिंहस्थ में लैंड पुलिंग एक्ट पर अपना अगला कदम किसानों के बीच घोषित करेगा।
 
कौन हैं मोहिनी मोहन मिश्र
भारतीय किसान संघ में मोहिनी मोहन मिश्र बड़े ओजस्वी व क्रांतिकारी नेता माने जाते हैं। श्री मिश्र उड़ीसा के निवासी व संघ के वरिष्ठ प्रचारक हैं और वर्तमान में उनके पास दूसरी बार किसान संघ के महत्वपूर्ण पद महामंत्री का अखिल भारतीय दायित्व है। श्री मिश्र कृषि में स्नातकोत्तर व गोल्ड मेडलिस्ट हैं। हिंदी, अंग्रेजी, उड़िया सहित अनेक भाषाओं पर अच्छी पकड़ व विषयों का ज्ञान है।
 
प्रदेश में किसान संघ है बड़ी ताकत
मध्यप्रदेश में भारतीय किसान संघ के तीनों प्रांतों मालवा, मध्यभारत व महाकौशल में वर्तमान में बारह लाख से अधिक किसानों की सदस्यता है। मालवा व मध्यभारत प्रांत में किसानों की बड़ी शक्ति किसान संघ के पास है। आठ से दस हजार गांवों में ग्राम समितियां हैं जिनमें प्रत्येक ग्राम समिति में किसान संघ के पचास खाटी कार्यकर्ता हैं जो किसान संघ के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार है।