खाद्य प्रसंस्करण को 5% से 95% तक ले जाने का लक्ष्य : डॉ मोहन यादव

06 Aug 2025 17:09:54

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किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि को आगे बढ़ाने के मकसद से भोपाल में “एफपीओ डायरेक्टर समिट 2025” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम माही राष्ट्रीय सहकारी एफपीओ फेडरेशन और मालवम फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के साथ मिलकर आयोजित किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंसाना, भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री दिनेश कुलकर्णी और कई कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए। इस कार्यक्रम का मकसद किसानों को संगठित करना, एफपीओ यानी फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन को मजबूत बनाना और खेती के नए तरीके अपनाकर किसानों की आमदनी बढ़ाना रहा।
 
कार्यक्रम की शुरुआत में अलग-अलग विशेषज्ञों ने एफपीओ की सफलता के लिए जरूरी चीजों पर चर्चा की। इसमें बताया गया कि एफपीओ कैसे काम करता है, इसका प्रबंधन कैसे किया जाए, मार्केटिंग और ब्रांडिंग कैसे की जाए, और किसानों को सरकारी योजनाओं का फायदा कैसे मिले। साथ ही कंपनी एक्ट 2013 के नियमों और एफपीओ के लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दूसरे सत्र में बताया कि पिछले डेढ़ सालों में मध्यप्रदेश में खेती के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि अब तक 7 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा बढ़ाई गई है और आने वाले समय में 32,000 किसानों को सोलर पंप देने की योजना है।
 
सीएम ने आगे कहा कि हमें अब सिर्फ उत्पादन नहीं, बल्कि फूड प्रोसेसिंग यानी खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में सिर्फ 5% फूड प्रोसेसिंग हो रही है, लेकिन भविष्य में इसे 95% तक बढ़ाया जाएगा। साथ ही, दूध उत्पादन को भी 7000 लीटर से बढ़ाकर 19000 लीटर प्रतिदिन तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की सरकार है। हम किसानों की भलाई के लिए लगातार योजनाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों को एकजुट करने और उन्हें बाजार से जोड़ने का अच्छा जरिया है। मालवम फेडरेशन के अधिकारियों ने बताया कि यह संस्था एक गैर-लाभकारी संगठन है जो एफपीओ को ट्रेनिंग देने, सरकारी योजनाओं की जानकारी देने, आधुनिक खेती के तरीकों से अवगत कराने और दूसरे राज्यों के एफपीओ से जोड़ने का काम करती है। इस समिट में प्रदेश भर के एफपीओ के सीईओ, अध्यक्ष और सदस्य शामिल हुए। सभी ने एक-दूसरे से सीखने का मौका पाया और कृषि को आगे ले जाने के नए रास्तों पर विचार किया।



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