बैरसिया के ग्राम बाँदीखेड़ी में बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0)

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    31-Aug-2025
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रमेश शर्मा
 
विकसित और आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लिये आवश्यक प्रत्येक दिशा में मध्यप्रदेश अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये भी मध्यप्रदेश ने अपने कदम बढ़ा दिये हैं। इसके लिये भोपाल जिला अंतर्गत बैरसिया तहसील के ग्राम बाँदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाया जा रहा है, जो न केवल देश और प्रदेश के उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, अपितु यहाँ बने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भारत के बाहर निर्यात भी किये जा सकेंगे।
 
पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपयोगिता बढ़ रही है। बदलती जीवनशैली की दिनचर्या मानो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बिना पूरी ही नहीं होती। आधुनिक संचार साधनों से गाँव में बैठे व्यक्ति को भी उच्च स्तरीय गुणवत्ता के उपकरणों की जानकारी हो जाती है। इसलिये पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन की मानो एक स्पर्धा ही आरंभ हो गई है।
इसलिये अब स्थानीय उत्पादों में भी विश्वस्तरीय गुणवत्ता आवश्यक हो गई है। भोपाल के निकट बैरसिया तहसील के अंतर्गत बाँदीखेड़ी में आरंभ होने जा रही यह EMC 2.0 परियोजना प्रदेश में डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के लक्ष्यों की पूर्ति को नई गति प्रदान करेगी। इसे कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) और विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना के रूप में विकसित किया जाएगा। यहाँ विश्वस्तरीय इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तैयार होंगे, जो स्थानीय आवश्यकता की पूर्ति के साथ निर्यात की दृष्टि से भी उच्च गुणवत्ता वाले होंगे। इससे सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिलेगा और भारत को आयात की निर्भरता से मुक्ति मिलेगी।
 
एक समय था जब छोटे-बड़े सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भारत को आयात करना पड़ते थे। लेकिन अब स्थिति बदली है। अब भारत केवल उपभोक्ता भर नहीं है, अपितु उत्पादक भी बना है। इसके साथ निर्यातक बनने की दिशा में भी आगे बढ़ने लगा है। इसकी कल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। उन्होंने पदभार संभालते ही भारत को उस स्थान पर प्रतिष्ठित करने का संकल्प लिया जहाँ वह कभी था। इसके लिये आवश्यक है कि पहले भारत आत्मनिर्भर बने और फिर निर्यातक। यह तभी संभव है जब भारत का प्रत्येक प्रांत आत्मनिर्भर और विकसित हो। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की इस नीति से भारत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में जमीन-आसमान का अंतर आया है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अपील और प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि अब भारत अपनी घरेलू आवश्यकता की पूर्ति की दिशा में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है और इसके साथ निर्यात की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है।
 
भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अपनी गुणवत्ता के अनुरूप संसार में आकर्षण का केन्द्र बने, इसके लिये भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (EMC) 2.0 परियोजना तैयार की है। इसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मैन्युफैक्चरिंग के लिये निवेश आमंत्रित कर निजी उद्यमियों को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इकाइयाँ स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा। ये इकाइयाँ स्थापित करने के लिये भारत सरकार ने अनुदान के साथ अन्य प्रकार की विशेष सुविधाएँ देने का भी प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारत सरकार ने इस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स योजना के लिये 22,919 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है। यह राशि विभिन्न राज्यों के अंतर्गत स्थापित होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर निर्माण योजनाओं में व्यय होगी।
 
आशा की जा रही है कि इन क्लस्टर्स के निर्माण में 59,350 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हो सकेगा। यह भी उम्मीद है कि इसमें 4,56,500 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा और 91,600 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त इन क्लस्टर्स के आसपास परोक्ष रूप से भी अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस योजना में निवेशकों के प्रस्ताव भी मिलने लगे हैं।
 
मध्यप्रदेश के बाँदीखेड़ी गाँव में स्थापित होगा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस संकल्प को पूरा करने के लिये मध्यप्रदेश एक अग्रणी राज्य का स्थान ले रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा औद्योगिक विकास के लिये किये जा रहे नवाचार इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। वे देश और विदेश के उद्यमियों को आमंत्रित कर रहे हैं और अपनी विशिष्ट शैली एवं सुविधाओं के प्रस्ताव से उन्हें आकर्षित भी कर रहे हैं। विकसित भारत के स्वरूप में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश ने अब इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में भारत की आत्मनिर्भरता और निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित करने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ाये हैं।
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दिशा में विशेष रुचि ली और अब मध्यप्रदेश सरकार राजधानी भोपाल के निकट बैरसिया तहसील के गाँव बाँदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापना करने जा रही है। इस गाँव को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) 2.0 योजना के अंतर्गत विकसित किया जायेगा। यह गाँव बाँदीखेड़ी बैरसिया तहसील मुख्यालय से तीस किलोमीटर और भोपाल से लगभग सत्तर किलोमीटर दूर नरसिंहगढ़ हाई-वे के समीप है। सड़क मार्ग द्वारा बाँदीखेड़ी गाँव का संपर्क बाम्बे-आगरा राजमार्ग से भी है।
 
संपर्क के साथ इस क्षेत्र में भूमि और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य सरकार इस गाँव को सड़क मार्ग द्वारा सीधे भोपाल हवाई अड्डे से जोड़ने पर भी विचार कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिये बाँदीखेड़ी में 210.21 एकड़ भूमि आरक्षित की है। 19 अगस्त को संपन्न मध्यप्रदेश मंत्रीमंडल की बैठक में इस परियोजना के लिये आरंभिक बजट राशि 371 करोड़ 95 लाख रुपये भी स्वीकृत कर दी गई है। इसमें से 146 करोड़ 63 लाख रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे और 225 करोड़ 32 लाख रुपये राज्य सरकार अपनी ओर से देगी। केंद्र सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति भी मिल गई है।
 
इस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स-2.0 परियोजना के माध्यम से मध्यप्रदेश में 1500 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। इससे तीस हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जबकि परोक्ष रोजगार के अवसर इससे भी अधिक होंगे। इस परियोजना के अंतर्गत सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्मित होंगे। उनकी गुणवत्ता पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान दिया जायेगा ताकि ये उपकरण गुणवत्ता के चलते निर्यात में अपना स्थान बना सकें।
 
इस इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) में एक ही स्थान पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा, साझा सुविधाएँ और 'प्लग-एंड-प्ले' सुविधाएँ होंगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में निवेश के इच्छुक उद्यमी आकर्षित हो रहे हैं। बाँदीखेड़ी का यह EMC-2.0 भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने में सहायक होगा। इसके साथ स्थानीय स्तर पर कुछ अन्य प्रकार की सहयोगी औद्योगिक इकाइयों का भी निर्माण होगा।
 
मध्यप्रदेश सरकार ने इस दिशा में पिछले दिनों अपनी सेमीकंडक्टर निवेश नीति लागू की थी। इसके अंतर्गत भोपाल के आईटी पार्क में एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित भी किया गया है। अब इस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर से उस योजना को भी बल मिलेगा तथा सेमीकंडक्टर चिप इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में सहायता मिलेगी। भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिये जो 22,919 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना घोषित की है, उसका लाभ बाँदीखेड़ी में स्थापित होने वाले क्लस्टर को भी मिलेगा।
 
भारत सरकार से इस बाँदीखेड़ी क्लस्टर को स्वीकृति मिलने के साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबंधित विभागों की बैठक लेकर परियोजना को शीघ्र आकार देने के निर्देश दिये। इस परियोजना के आरंभ हो जाने के साथ मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी भारत में अग्रणी प्रदेश बनेगा। देश-विदेश की अनेक कंपनियाँ इस परियोजना में निवेश करने के लिये अपनी रुचि दिखाने लगी हैं। यह योजना भारतीय विनिर्माताओं को विभिन्न श्रेणियों के घटकों और उप-संयोजनों की विशिष्ट कमियों को दूर करने के लिये विभेदित प्रोत्साहन प्रदान करती है, ताकि वे तकनीकी क्षमताएँ हासिल कर सकें।
 
EMC 2.0 योजना से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्मित होंगे उनमें स्मार्टफोन, टेलीविजन, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, स्मार्ट डिवाइस, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), बैटरी प्रबंधन प्रणाली और ऑटोमोटिव सेंसर, औद्योगिक स्वचालन उपकरण, नियंत्रण प्रणाली और औद्योगिक सेंसर का निर्माण होगा। चिकित्सा उपकरणों में डायग्नोस्टिक उपकरण, इमेजिंग डिवाइस एवं मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्माण होगा। घरेलू उपकरणों में कंप्यूटर हार्डवेयर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, सर्वर और स्टोरेज डिवाइस बनाये जायेंगे, जबकि संचार उपकरणों में 5G उपकरण, राउटर और टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा।
 
भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में मध्यप्रदेश के अतिरिक्त छह अन्य राज्यों ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर परियोजना में काम आरंभ किया है। इनमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, हरियाणा, तेलंगाना और बिहार शामिल हैं। लेकिन मध्यप्रदेश ने अपने निर्णय के बाद जिस तेजी से कार्य आरंभ किया है, उससे यह संभावना है कि वह अन्य राज्यों को पीछे छोड़ देगा।
 
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) योजना : एक दृष्टि
 
यह इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) भारत की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश, नये रोजगार के अवसर एवं तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण आयाम है। संसार की विकास गति और जीवनशैली में विद्युतीय उपकरणों की बढ़ती माँग को ध्यान में रखकर वर्ष 2020 में भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत यह EMC 2.0 योजना तैयार की।
 
इसका प्रमुख उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देना है ताकि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स का पर्याप्त उत्पादन हो सके और आयात पर निर्भरता कम हो। भारत सरकार इस परियोजना के अंतर्गत घरेलू एवं वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश के लिये प्रेरित कर रही है। इसमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिये विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। इन क्लस्टर्स में अति सूक्ष्म, सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े यूनिट भी स्थापित होंगे। आशा है कि इन क्लस्टर्स के उत्पादों से इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक आपूर्ति में भारत का महत्वपूर्ण स्थान होगा। इससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
 
EMC 2.0 योजना को इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की बदलती जरूरतों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है। इस योजना के अंतर्गत ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्लस्टरों में परियोजनाओं के लिये 50 प्रतिशत तक अनुदान सहायता का प्रावधान किया गया है। ब्राउनफील्ड EMC के लिये बुनियादी ढाँचे की लागत का 75% प्रदान किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपये है। यह सहायता बुनियादी ढाँचे जैसे बिजली, पानी, सड़क एवं अन्य सुविधाओं के विकास के लिये दी जायेगी।