मुगल महान नहीं थे - एनसीईआरटी

20 Jul 2025 12:36:41

ncert


डॉ यतीश जैन


भारत का इतिहास विविधता, संघर्ष, विकास और बदलावों से भरा हुआ है। स्कूली स्तर पर इतिहास पढ़ाना केवल तथ्यों की जानकारी देना नहीं होता, बल्कि यह भावी पीढ़ी को अपने अतीत को समझने, उससे सीखने और समकालीन संदर्भों से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। 2025 में एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान (इतिहास) की नई पुस्तक “Exploring Society: India and Beyond” में मुग़ल काल से संबंधित कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। ये संशोधन ऐतिहासिक घटनाओं को अधिक वास्तविक, तथ्यात्मक, और संतुलित दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने का प्रयास है।
पुराने पाठ्यक्रम में अकबर को “अकबर महान” कहकर प्रस्तुत किया जाता था, जिसका ज़ोर केवल उनके धार्मिक सहिष्णुता, प्रशासनिक सुधारों और नवरत्नों की चर्चा पर था।
अब नए पाठ्यक्रम में "महान" शब्द हटा दिया गया है। चित्तौड़गढ़ विजय (1568) में अकबर द्वारा लगभग 30,000 राजपूतों के नरसंहार का उल्लेख प्रमुखता से किया गया है।पाठ में यह भी बताया गया है कि अकबर ने सत्ता और विस्तार की नीति के तहत कठोर निर्णय लिए थे।हालाँकि, दीन-ए-इलाही और नवरत्न सभा जैसे सुधारवादी प्रयासों का भी संतुलित उल्लेख किया गया है।
पहले की पुस्तकों में बाबर को केवल 'मुग़ल वंश का संस्थापक' और 'बुद्धिजीवी' बताया गया था। 2025 की पुस्तक में बाबर को 'क्रूर आक्रमणकारी' और 'निर्दयी विजेता' के रूप में प्रस्तुत किया गया है। भारत पर हमले के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक विध्वंस, मंदिरों के ध्वंस और लूटपाट का वर्णन दिया गया है।
पहले औरंगज़ेब को एक “कठोर लेकिन प्रशासनिक रूप से सफल” सम्राट माना जाता था। कक्षा 8 के नए पाठ्यक्रम में उसका चित्रण धार्मिक असहिष्णु और दमनकारी शासक के रूप में किया गया है। इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि जज़िया कर की पुनःस्थापना, गुरु तेग बहादुर का वध, कई हिंदू मंदिरों और गुरुद्वारों का विध्वंस आदि पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया है। पुस्तक में यह भी बताया गया है कि उसके शासनकाल में राजनीतिक विद्रोह और धार्मिक असंतोष तेज़ी से बढ़े।
एनसीईआरटी द्वारा कक्षा 8 की पुस्तक में एक नया अनुभाग जोड़ा गया है: "Note on Some Darker Periods in History"।
इसमें लिखा है कि: “इतिहास के अंधेरे पक्षों को जानना आवश्यक है, परंतु उनके लिए आज के किसी समुदाय या वर्ग को दोष देना अनुचित है।” यह नोट छात्रों को इतिहास के क्रूर पक्ष को समझाते हुए आज के समाज में सहिष्णुता और एकता बनाए रखने का संदेश देता है।
पूर्व में प्रयुक्त शब्द वर्तमान संशोधित शब्द
अकबर महान अकबर: सहिष्णुता और क्रूरता का मिश्रण, औरंगज़ेब – धार्मिक अनुशासक औरंगज़ेब – असहिष्णु और कट्टर शासक, बाबर – संस्थापक बाबर – आक्रामक आक्रमणकारी था।
मुग़ल काल के प्रशासन को केवल केंद्रीकृत और कुशल न बताकर, अब यह बताया गया है कि सत्ता का उपयोग कई बार राजनीतिक विरोध को दबाने, सांस्कृतिक प्रभुत्व और धार्मिक कट्टरता फैलाने के लिए भी किया गया था।छात्रों को इतिहास का तथ्यपरक और निष्पक्ष चित्रण देना। अतीत को केवल गौरवगान या आलोचना के रूप में प्रस्तुत करने के बजाय, उसके जटिल पक्षों को समझाना है।
2025 में कक्षा 8 की इतिहास पुस्तक में मुग़ल काल के अतीत के सभी पक्षों को दिखाना है – भारतीय शिक्षा प्रणाली एक तथ्यनिष्ठ, बहुस्तरीय और विवेकशील इतिहास शिक्षण की ओर बढ़ रही है।
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