“ऑपरेशन सिन्दूर” सैन्य, सामरिक और राजनयिक दृष्टिकोण से भारत की निर्णायक विजय: एयर कोमोडोर मृगेंद्र सिंह

23 May 2025 17:46:08

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भोपाल, 23 मई 2025 - सशक्त राजनीतिक नेतृत्व और समृद्ध सैन्य शक्ति से भारत आज न केवल सामरिक रूप से मजबूत हुआ है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक प्रभावशाली और निर्णायक राष्ट्र के रूप में उभरा है। ऑपरेशन सिंदूर से भारतीय वायु सेना, थल सेना, नौसेना और राजनयिक तंत्र की समन्वित रणनीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब हर चुनौती का मुंहतोड़ उत्तर देने में सक्षम है। ये विचार सुरक्षा विशेषज्ञों, विचारकों और बुद्धजीवियों ने प्रज्ञा प्रवाह द्वारा “ऑपरेशन सिन्दूर : सैन्य, सामरिक और राजनयिक उपलब्धियाँ” विषय पर आयोजित विशेष संवाद में व्यक्त किए।


एयर कोमोडोर मृगेंद्र सिंह ने ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान भारतीय वायुसेना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार आधुनिक तकनीकों, सटीक योजना और असाधारण युद्ध कौशल के माध्यम से वायुसेना ने दुश्मन के ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि भारत की वायु प्रतिरक्षा और आक्रमण क्षमता की विश्व को दिखाई गई एक शानदार झलक थी। भारत अब हर परिस्थिति में त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक क्षमता, तकनीकी श्रेष्ठता और अद्वितीय समन्वय का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमने लक्ष्यभेदी हमलों के माध्यम से आतंक के ढांचों और उनके सैन्य समर्थन को सटीकता और संयम के साथ निष्क्रिय किया — जिससे न केवल हमारी सैन्य शक्ति, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारी नैतिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई। यह एक त्रि-सेवा अभियान था, जिसमें राफेल, ब्रह्मोस, शौर्य मिसाइलों से लेकर अंतरिक्ष आधारित निगरानी तंत्र तक का अद्वितीय समन्वय देखा गया। हमारी एयर डिफेंस प्रणाली — एस-400, बराक-8 और आकाश — ने देश की सीमाओं को अभेद्य बनाया।


ब्रिगेडियर संजोय घोष ने कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार के आतंकी प्रयास या सीमा पर अतिक्रमण को भारत कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत एक सशक्त राष्ट्र है जो किसी भी स्थिति से निर्णायक, ठोस और समयबद्ध रूप से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। सेना की यह तत्परता और साहस हमारी संप्रभुता की सुरक्षा की गारंटी है।इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के क्षेत्र में भी हमने पाकिस्तानी और चीनी तकनीकों को पछाड़ते हुए स्पष्ट बढ़त बनाई। बिना किसी पूर्ण सैन्य लामबंदी के, हमने रणनीतिक तैनाती और नियंत्रित प्रतिक्रिया के माध्यम से अपने उद्देश्य प्राप्त किए। यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करता — भारत निर्णायक और प्रबल रूप से नेतृत्व करता है।"


प्रो. डॉ. राका आर्य (प्रो. एनएलआईयू) ने कहा कि -"ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य सफलता नहीं थी, यह भारत की कूटनीतिक परिपक्वता और वैश्विक रणनीतिक समझ का भी प्रमाण है। हमने अमेरिका, फ्रांस, रूस और खाड़ी देशों जैसे प्रमुख वैश्विक शक्तियों को समय रहते यह स्पष्ट किया कि हमारी कार्यवाही आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का संवैधानिक अधिकार है — न कि युद्ध की शुरुआत। भारतीय कूटनीति ने वैश्विक जनमत को पूर्ववत संभालते हुए, न केवल विरोध की संभावनाएं न्यूनतम कीं, बल्कि कई देशों का समर्थन या तटस्थता भी सुनिश्चित की। भारत सैन्य दृष्टि से पूरी तरह तैयार था, लेकिन हमने यह भी दर्शाया कि रणनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के बाद हम संघर्षविराम के लिए खुले हैं । यह संयम और संकल्प की वह नीति है, जो आज भारत को एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता की भूमिका में ला रही है।"


इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, जिज्ञासु युवा, शिक्षाविद एवं नीति-विश्लेषक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संवाद सत्र के दौरान उपस्थित प्रबुद्धजनों ने विषय विशेषज्ञों से प्रश्न किये। सभी वक्ताओं ने भारत की सुरक्षा नीति, सेना की प्रतिबद्धता और देश के हितों की रक्षा में सक्रिय भूमिका की सराहना की।
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