मध्‍य प्रदेश में इस्‍लामिक कट्टरपंथियों को मध्‍य प्रदेश सरकार ने दिया उन्‍हीं की भाषा में जवाब

23 Aug 2024 12:58:58
 
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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
 
- थाने पर पथराव करने के लिए उकसाने वाले का आलीशान बंगला कर दिया पल भर में खाक
- थाना प्रभारी और दो पुलिसकर्मी हुए थे घायल, करीब 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज
मध्‍य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार कट्टरपंथ‍ियों पर कोई रहम नहीं कर रही है, हाल की हाल उनका हिसाब बराबर किया जा रहा है। सरकार का साफ कहना है कि जो भी कानून को तोड़ेगा और प्रशासन को अपने हाथ में लेगा, उससे कानून की भाषा में ही निपटा जाएगा। ऐसे में जहां भी आन्‍दोलन, पदर्शन के नाम पर या अन्‍य तरीके से कानून उल्‍लंघन की शिकायतें आ रही हैं, मप्र की भाजपा सरकार उनसे सख्‍ती के साथ निपट रही है। अब एक बार फिर से मध्‍य प्रदेश में इस्‍लामिक कट्टरपंथियों को मोहन सरकार ने उन्‍हीं की भाषा में जवाब दिया है।
 
 
इस्‍लामवादी 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज
 
दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर शहर में भारत बंद के दौरान सिटी कोतवाली पर पथराव करने के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद पुलिस ने कड़ा एक्शन लेते हुए गुरुवार को करीब 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें 46 नामजद और डेढ़ सौ अज्ञात लोग शामिल हैं। इस मामले में पुलिस दस लोगों को हिरासत में ले चुकी है। पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है.इसके साथ ही जिला प्रशासन ने पथराव करने के आरोपित पूर्व कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली के आलीशान बंगले पर बुलडोजर चलवा दिया, जिसमें देखते ही देखते कुछ ही वक्‍त में इस महलनुमा मकान का एक बहुत बड़ा भाग जमीदोज हो गया। इसे बाद भी फिलहाल कार्रवाई जारी है। इस मौके पर प्रशासन पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं। शासन की ओर से कहा जा रहा है कि पूरा मकान जमींदोज करने में दो दिन का समय लग सकता है। पूरे शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
 
 
महाराष्‍ट्र संत के बयान को लेकर मुसलमानों का था ये थाने पर हमला
 
इस संबंध में पूरा मामला कुछ यूं सामने आया है कि छतरपुर की अंजुमन इस्लामिया कमेटी के सदर के नेतृत्व में विशेष समाज (मुसलमान) लोग सिटी कोतवाली थाना पहुंचे और आवेदन देते हुए अहमदनगर में 15 अगस्त को एक संत के द्वारा उनके प्रवचनों में बोले गए शब्‍दों से इस्‍लाम की मजहबी भावनाओं को आहत कर देने का आरोप लगाया। आवेदन में मांग की गई कि इन संत महाराज के विरुद्ध बीएनएस की धारा 196 197(1 ) 299 ,353 (2) एवं 152 के तहत मामला दर्ज किया जाए। साथ ही तत्‍काल प्रभाव से गिरफ्तार करने की मांग हुई । इस आवेदन में इन विशेष समुदाय इस्‍लामवादियों ने चेतानी भी दी कि यदि महाराज को नहीं पकड़ा गया तो महाराष्ट्र सहित मध्य प्रदेश में भी शांति भंग हो सकती है ।
 
 
जब ये अंजुमन इस्लामिया कमेटी के सदर के साथ पुलिस को अपनी मांगों को लेकर बातचीत चल रही थी, तभी देखते ही देखते इन इस्‍लामिक लोगों ने कोतवाली थाने का घेराव करना शुरू कर दिया और बिना किसी कारण एवं बात के ये मुस्‍लिम भीड़ अचानक से हिंसक हो उठी । कोतवाली थाने-पुलिसकर्मियों के ऊपर चारों ओर से पथराव शुरू हो गया, जिसमें कि कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर सहित तीन पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए। थाने पर खड़ी पुलिस की सभी गाड़ियों को योजना से निशाना बनाया गया और उन्‍हें क्षतिग्रस्‍त कर दिया गया। थाना प्रभारी को गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। घटना की जानकारी जैसे ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव को हुई, उन्‍होंने इसकी कड़ी आलोचना की और कहा कि उपद्रवियों पर कार्रवाई की जाए, उनकी पहचान की जाए। इसके बाद छतरपुर पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को चिन्हाकित करने में जुड़ गया है और मकान तोड़े जाने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। फिलहाल छतरपुर में पुलिस चप्पे चप्पे पर तैनात है।
 
 
टीकमगढ़, पन्ना समेत सीमा से लगे जिलों से अतिरिक्त फोर्स पहुंचा छतरपुर
 
इस पूरे प्रकरण को लेकर छतरपुर डीआईजी ललित शाक्यवार ने बताया कि पुलिस-प्रशासन इस वक्‍त पथराव और उपद्रव करने वालों को चिन्हित करने में लगा है, जिन को चिन्‍ह‍ित कर लिया गया है, उन पर कार्रवाई करना शुरू हो गया है। आगे भी जैसे-जैसे अन्‍य उपद्रवी चिन्हित होंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार सुबह टीकमगढ़, पन्ना समेत सीमा से लगे जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स को बुला लिया गया है । पुलिस अधीक्षक अगम जैन का कहना है कि कोई पत्थर या किसी दूसरी चीज से हमला करने का प्रयास करता है, तो चोट हमें नहीं आनी चाहिए। जो उपद्रव करेगा, अब चोट उसे आनी चाहिए। उपद्रव व पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान का काम चल रहा है। एक बार आरोपित चिहि्नत होने के बाद इनके घर पर भी बुलडोजलर चलाने की कार्रवाई हो सकती है।
 
 
 
मध्यप्रदेश सरकार का प्रदर्शन कारियों को बड़ा संदेश, किसी को नहीं बख्‍शा जाएगा
 
उल्‍लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री  के दिशा-निर्देशन में नगर पालिका छतरपुर, राजस्व अमला और पुलिस की टीम ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए हाजी शहजाद अली के आलीशान मकान पर बुलडोजर चलाते हुए प्रदर्शनकारियों को एक बडा संदेश दे दिया मौके पर मौजूद राजस्व अधिकारियों का कहना है कि बलबा करने वाले असामाजिक तत्वों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। राजस्व और नगर पालिका छतरपुर ऐसे अन्य अतिक्रमणकारियों को चिन्हित करेंगे, जिनके मकान अवैध तरीके से नियमों को तांक पर रखकर बनाए गए हैं। जानकारी में आया है कि हाजी शहजाद अली के आलीशान मकान पर जिस तरह तीन-तीन बुलडोजर चलाए गए, उसमें लाखों कीमत की सफारी,इनोबा सहित अन्य मकान के गैरेज में रखी कारों को भी बुलडोजर ने मि‍ट्टी में मिला दिया है। उसी प्रकार और भी उपद्रव करने वालों के मकान जमींदोज करने की कार्यवाही हो सकती है। गुरूवार को मध्य प्रदेश सरकार के एक्शन में आने के बाद जिला प्रशासन के आला अफसर डीआईजी ललित शाक्यवार , कलेक्टर पार्थ जैसवाल ,पुलिस अधीक्षक अगम जैन के निर्देशन में बडी कार्रवाई जारी है। पुलिस ने छतरपुर शहर को छावनी की तरह तब्दील कर रखा है। हर गली बाजार में पुलिस टीम अलर्ट है।
 
 
 
ये हैं अहम प्रश्‍न ?
 
छतरपुर नगर की फिजा में जहर घोलने की साज़िश क्या सोच समझकर रची गई थी। सिटी कोतवाली पर जिस तरह से पत्थर बाजी की गई है, इससे यही साबित होता है। बीच सड़क पर इतनी अधिक मात्रा में पत्थर कहां से आए? बच्चों को जुलूस में सबसे आगे क्यों किया गया ? उनके हाथ में चाकू कहां से आए? यह सबसे बड़ा सवाल है] मुस्लिम समाज ने सिटी कोतवाली के घेराव का वही समय क्यों तय किया जब दलित संगठनों द्वारा पूर्व घोषित आंदोलन किया जा रहा था ? इन सवालों का जवाब जिला और पुलिस प्रशासन को देना चाहिए। हमारा खुफिया तंत्र क्या कर रहा था। यदि प्रोफेट मुहम्मद के विरुद्ध कोई टिप्पणी की गई थी तो शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना जायज ठहराया जाता। लेकिन जब शहर में एक आंदोलन पहले से चल रहा है और समूचा प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने में जुटा हुआ था , उसी समय मुस्लिम समाज ने सिटी कोतवाली का घेराव क्यों किया ? दो घंटे बाद भी विरोध प्रदर्शन किया जा सकता था। क्या यह किसी सोची समझी रणनीति का हिस्सा था।
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