कुशल संगठक, पराक्रम और दयालुता की प्रतिमूर्ति थीं वीरांगना लक्ष्मीबाई: भार्गव

स्वयंसेवकों ने किया वीरांगना लक्ष्मीबाई को नमन,

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    19-Jun-2024
Total Views |

lakshmibai balidan diwas
 
ग्वालियर। वीरांगना लक्ष्मीबाई कुशल संगठक, पराक्रमी और दयालुता की प्रतिमूर्ति थीं। वह अपनी प्रजा का बच्चों की तरह ख्याल रखती थीं। वीरांगना लक्ष्मीबाई का पूरा जीवन आदर्शवादी और प्रेरणास्त्रोत रहा है।
 
 
यह बात डॉ.भीमराव अम्बेडकर पॉलीटेक्निक महाविद्यालय ग्वालियर के प्राध्यापक मदन भार्गव ने लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में मंगलवार को लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महानगर ग्वालियर के तत्वावधान में वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस अशोक कुमार शर्मा ने की। इस अवसर पर संघ के ग्वालियर विभाग सह संघचालक रवि अग्रवाल भी मंचासीन रहे। इस मौके पर स्वयंसेवकों ने झांसी की रानी को प्रणाम किया। मुख्य वक्ता श्री भार्गव ने रानी लक्ष्मीबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां जनता में अंग्रेजों के प्रति आक्रोश था, वहीं सैनिक भी विद्रोह कर रहे थे, लेकिन वह संगठित नहीं थे। रानी लक्ष्मीबाई ने उन्हें संगठित किया। गरीबों और जरूरतमंदों के लिए उनके किले के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। मंदिर से लौटते समय जब उन्होंने रास्ते में सर्दी से ठिठुरते और भूख से व्याकुल लोगों को देखा तो उन्होंने उनके भोजन और कपड़ों की व्यवस्था की। वह बचपन से ही घुड़सवारी और तलवारबाजी में पारंगत थीं।
 

lakshmibai balidan diwas 2  
 
श्री भार्गव ने कहा कि जब अंग्रेजों ने दामोदर राव को दत्तक पुत्र के रूप में अस्वीकार कर झांसी को अंग्रेजी राज्य में मिलाने की घोषणा की तो लक्ष्मीबाई ने कहा कि मैं झांसी नहीं दूंगी। वीरांगना लक्ष्मीबाई ने घमासान युद्ध कर अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे और मात्र 23 वर्ष की उम्र में राष्ट्र की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुईं।
 
 
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का परिचय संघ के ग्वालियर विभाग प्रचार प्रमुख डॉ.निशांत शर्मा ने दिया। एकल गीत अक्षत सोनी ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांत के सह संपर्क प्रमुख नवल शुक्ला,कुटुंब प्रबोधन के संयोजक अशोक पाठक, ग्वालियर विभाग के सह कार्यवाह मुनेंद्र कुशवाह, ग्वालियर जिला संघचालक राजेंद्र घुरैया आदि उपस्थित रहे।
 
 
समय दान कर राष्ट्र की उन्नति में बनें सहभागी: शर्मा
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अशोक शर्मा ने कहा कि वीरांगना लक्ष्मीबाई ने स्वराज को महत्व दिया था। हमें स्वराज तो मिल गया है, लेकिन राष्ट्र को संभालने और उसकी उन्नति के लिए समय दान की जरूरत है। साथ ही हमें भेदिए और विघटनकारी शक्तियों से सावधान रहने की जरूरत है।
 

lakshmibai balidan diwas 3