सागर. 3 वर्ष पहले कैंट थाना क्षेत्र में सामने आए धर्मान्तरण मामलें में जिला न्यायालय ने अपन निर्णय सुना दिया है. कोर्ट ने इस मामले में मिशनरी एजेंट दंपत्ति रमेश मसीह और उसकी पत्नी सखी मसीह को 2-2 वर्ष कारावास सहित 25-25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है.
करीब 3 वर्ष पहले कैंट थाना निवासी मजदूर अभिषेक अहिरवार ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी की जब वह अपनी पत्नी को लेने ससुराल पहुंचा तो उसके रिश्तेदार जो की धर्मंतरित हो चुके हैं उन्होंने उसकी पत्नी को ससुराल नहीं आने दिया. साथ ही पति अभिषेक पर पत्नी को साथ ले जाने के बदले ईसाई मत अपनाने का दबाब बनाया. जब अभिषेक ने उनकी बात मानने से इंकार किया तो आरोपी दंपत्ति ने अभिषेक को 20 हजार रूपए प्रतिमाह और नौकरी दिलाने का झांसा भी दिया, अभिषेक के पुनः इंकार करने पर उन्होंने उसकी पत्नी को अभिषेक के साथ नहीं आने दिया, जिसके बाद पीड़ित अभिषेक ने कैंट थाने में इसकी शिकायत की.
पुलिस जाँच में अभिषेक की बात प्रमाणित हुई जिसके बाद आरोपी दम्पत्ति को गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में बहस के दौरान आरोपी दंपत्ति के वकील ने यह तर्क भी दिया की जिन्हें आरोपी बताया जा रहा है आप उनके कागज देख सकते हैं वह ईसाई नहीं हैं तो उनके द्वारा किसी का कैसे धर्मान्तरण कराया जा सकता है. इसपर कोर्ट ने भी बड़ी कड़ी टिपण्णी करते हुए कहा की आजकल सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऐसे लोग अपने कागजों में परिवर्तन नहीं कराते हैं इसका तात्पर्य यह नहीं की वह निर्दोष हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा की अर्थदंड नहीं भरने की स्थिति में आरोपी दंपत्ति की सजा में 6 माह की और वृद्धि की जाएगी. संभवतः क्षेत्र में धर्मान्तरण के मामले में यह पहली सजा है.