ग्वालियर। राष्ट्र को विश्वगुरु बनाना है तो देशभक्तों को अपने आचरण में सामाजिक समरसता को अपनाना होगा। प्राचीनकाल से विभाजनकारी शक्तियां फूट डालो शासन करो की नीति को बढ़ावा देती रही हैं। इसलिए आज इन विखंडनकारी शक्तियों को रोकने के लिए राष्ट्र में समरस समाज का वातावरण निर्मित करना होगा। गुरु नानक देव ने भी एक संगत-एक पंगत की परंपरा को बढ़ावा दिया था।

यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर ने शुक्रवार को भारतीय यात्रा एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) में आयोजित तीन दिवसीय ज्ञान प्रबोधिनी व्याख्यान माला के पहले दिन मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। राष्ट्रोत्थान न्यास द्वारा सामाजिक समरसता विषय पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योगपति अशोक निगम ने की। इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष विजय गुप्ता भी मंचासीन रहे। इस मौके पर अतिथियों ने सामाजिक समरसता पर केंद्रित त्रैमासिक पत्रिका सेतु का विमोचन भी किया। श्री अभ्यंकर ने कहा कि भारत में पहले जाति-पंथ के भेद नहीं थे। सभी के अपने-अपने व्यापार थे और वह एक-दूसरे पर आश्रित थे। बाद में रुढि़वादिता के कारण कुरीतियां आना शुरू हो गईं थीं। ऐसे में हमारे संतों ने समझाया था कि सभी में ईश्वरीय अंश विद्यमान है। जन्म से कोई छोटा-बड़ा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर ने भी अपने जीवन में जाति भेद को सहन किया था, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और समरसता का भाव जगाने के लिए पूरे जीवनभर कार्य करते रहे। श्री अभ्यंकर ने बताया कि मीरा बाई के गुरु संत रविदास पर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए बहुत दबाव डाला गया, लेकिन वह झुके नहीं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे संतों की तरह राष्ट्रोत्थान न्यास भी आज सामाजिक समरसता के लिए वायुमंडल निर्मित कर रहा है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में वीडियो के माध्यम से व्याख्यान माला अतीत के झरोखे से प्रदर्शित किया गया। अतिथियों का स्वागत न्यासी नवनीत शर्मा एवं सुखदेव माखीजा ने किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना राष्ट्रोत्थान न्यास के सचिव श्याम प्रजापति ने प्रस्तुत की। व्यक्तिगीत नरेंद्र कौरव ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.कुमार संजीव ने एवं आभार श्रीकांत विटवेकर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम गीत के साथ हुआ।
पंच परिवर्तन की दिलाई शपथ -
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी अशोक निगम ने सैकड़ों लोगों को पंच परिवर्तन अर्थात सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवन शैली व नागरिक कत्र्तव्य के माध्यम से भारत को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई।
आज हेमंत सेठिया का होगा व्याख्यान -
राष्ट्रोत्थान न्यास की तीन दिवसीय ज्ञान प्रबोधिनी व्याख्यान माला के दूसरे दिन 5 अक्टूबर को सायं 5 बजे गोविंदपुरी स्थित भारतीय यात्रा एवं प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) में वर्तमान युवा विमर्श विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के प्रांत कार्यवाह हेमंत कुमार सेठिया का व्याख्यान होगा। 6 अक्टूबर को पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर विषय पर समाजसेवी श्रीमती काजल हिन्दुस्तानी का व्याख्यान सायं 5 बजे से होगा।