सत्येंद्र का साहस चुनौतियों से लडऩे की प्रेरणा देने वाला: इंदापुरकर

क्रीड़ा भारती ने किया पद्मश्री लोहिया का सम्मान

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    29-Jan-2024
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सम्मान
ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल की धरती का खेलों के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान बढ़ाने वाले दिव्यांग तैराक सत्येंद्र सिंह लोहिया को रविवार को राष्ट्रोत्थान न्यास भवन में क्रीड़ा भारती ने सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांत के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर थे। अध्यक्षता क्रीड़ा भारती के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक सचेती ने की। अतिथियों ने श्री लोहिया का रोली, चावल से तिलक किया एवं शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री इंदापुरकर ने कहा कि सत्येंद्र लोहिया ने जिस साहस के साथ चुनौतियों का सामना किया है, वह प्रेरणादायक है। उन्हें पद्मश्री मिलना समूचे ग्वालियर-चंबल के लिए गौरव की बात है। क्रीड़ा के क्षेत्र में यह बड़ी उपलब्धि है। हम चाहेंगे कि इस माटी से ऐसी ही और भी प्रतिभाएं आगे आएं इसके लिए श्री लोहिया को यहां के युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम करना चाहिए। अध्यक्ष दीपक सचेती ने कहा कि शारीरिक क्षमता से अधिक मानसिक ताकत का महत्व है। इसे सत्येंद्र ने पद्मश्री पाकर साबित कर दिया है। वे भविष्य में इससे भी बड़े कीर्तिमान बनाएं, यह हम सबकी इच्छा है।
 
अभिभूत हूं, सदैव योगदान को तैयार: लोहिया
 
अपने उद्बोधन में पद्मश्री सत्येंद्र लोहिया ने कहा कि सम्मान की घोषणा से मैं अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कि वे ग्वालियर-चंबल की धरती से हैं इसलिए यहां के युवाओं को प्रोत्साहन एवं प्रशिक्षण देने के लिए सदैव उपलब्ध रहूंगा। उन्होंने कहा कि जो इंसान काम करके आगे बढ़ता है उसे दुनिया पूछती है। इसीलिए अपने कर्म पर भरोसा रखना चाहिए। मैंने भी कर्म किया है इसलिए आज उपलब्धियां मेरे हाथों में हैं। यह सम्मान एक देहात जैसी छोटी सी जगह से निकले साधारण परिवार को मिला है। उन्होंने कहा कि आगामी लक्ष्य 2026 में होने वाले एशियन गेम्स में पैरास्विमिंग में स्वर्ण जीतने का है।
 
अब तक के सम्मान :
 
भिंड जिले के मेहगांव जनपद के गाता गांव में 6 जुलाई 1987 को जन्मे सत्येंद्र ने पास में ही बहने वाली बेसली नदी में उछल-कूद कर तैराकी सीखी। दोनों पैरों से दिव्यांग लोहिया के पिता गयाराम लोहिया ने खेती की जमीन बेचकर वर्ष 2000 में लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय में प्रवेश दिलाया । इसके बाद लोहिया के कदम आगे बढ़ते गए।
 
वर्ष 2014 में विक्रम सम्मान।
 
वर्ष 2017 में सिडनी में स्वर्ण पदक।
 
2018 में इंग्लिश चैनल, कैटनील चैनल अमेरिका ,नॉर्थ चैनल, इंग्लिश चैनल टू वे पार किया।
 
2019 में तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय अवार्ड।
 
2020 में सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी।
 
2024 में पद्मश्री (आगामी मार्च माह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू प्रदान करेंगी) ।
 
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लश्कर जिले के संघचालक प्रहलाद सबनानी, मध्यभारत प्रांत के सह बौद्धिक प्रमुख विजय दीक्षित, ग्वालियर विभाग के विभाग कार्यवाह देवेंद्र गुर्जर, क्रीड़ा भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य केके कल्याणकर, विभाग संयोजक डॉ. अविशेष सिंह ,सह-संयोजक गोविंद मल्होत्रा, मंत्री भरत जाजोरिया, सुधीर शर्मा, संजीव गोयल आदि उपस्थित रहे।