गुरुओं को राजतंत्र से ऊपर रखें तो भारत जल्द विश्वगुरु बनेगा : बीआर शंकरानन्द

30 Sep 2023 15:24:35
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एनएलआईयू में दो दिवसीय 'यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव' शुरू, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया शुभारंभ
 
भोपाल। देश में ऐसे युवाओं का निर्माण हो जो वैश्विक विषयों पर तर्क संगत विचार रख सकें। श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह बात भोपाल में आयोजित हो रहे दो दिवसीय ‘यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन समारोह में कही। वहीं, मुख्य वक्ता एवं भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बीआर शंकरानन्द ने कहा कि हिन्दुत्व वाद–विवाद से परे दुनिया को जोड़ने वाला है। यदि हम आचार्य और गुरुओं को राजतंत्र से ऊपर रखें तो भारत जल्द विश्वगुरु बनेगा। उद्घाटन सत्र में मंच पर आरजीपीवी के कुलपति प्रो. सुनील कुमार पांडेय, एनएलआईयू के कुलपति प्रो. सूर्यप्रकाश, पूर्व लोक आयुक्त अशोक कुमार पाण्डेय एवं यंग थिंकर्स फोरम के निदेशक आशुतोष ठाकुर उपस्थित रहे।
 
उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पर्यावरण के विषय में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि प्रकृति की जो रक्षा करता है, प्रकृति उसकी रक्षा करती है। विचार में कट्टरता और अंधविश्वास न होकर देशभक्ति होना चाहिए। कोई भी विषय तब तक स्वीकार्य नहीं होता जब तक कि उसमें कोई तर्क न हो। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में गांधी के दृष्टिकोण और दीनदयाल जी की अंत्योदय की सोच को सार्थक करने का प्रयास कर रहे हैं। अंत में उन्होंने भारत के विषय में कहा कि भारत केवल साधनों से संपन्न न हो बल्कि चरित्र से भी संपन्न हो।
 
मुख्य वक्ता बीआर शंकरानन्द ने भारतीय संस्कृति के बारे में बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति जड़ और चेतन दोनों को सम्मान देने की बात करती है। उन्होंने कहा कि भारत अभी चुनौती पूर्ण समय से गुज़र रहा है। भारत को समझने के लिए भारत को घूमना पड़ेगा। भारत पराक्रम, त्याग और ध्यान के लिए जाना जाता है। युवाओं के विषय में उन्होंने कहा कि युवापन को उम्र से नहीं बल्कि अंदर उबलते जोश से आकलित किया जाए। अंत में उन्होंने कहा इंडिया को भारत बनने में सफल होना ही है।
 
सबसे बड़ी नटराज प्रतिमा का अनावरण :
 
कॉन्क्लेव में विदिशा के उदयपुर से प्राप्त भगवान शिव की सबसे बड़ी नटराज मुद्रा प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह 11वीं शताब्दी की बताई जाती है। मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने नटराज प्रतिमा की जानकारी भी साझा की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके साथ ही सबसे लंबे समय तक शंख वादन का विश्व कीर्तिमान बनाने वाले युवा सम्भव ने शंख वादन किया। कॉन्क्लेव में देश के प्रमुख प्रकाशकों की तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया।
 
कॉन्क्लेव के विषय में वाईटीएफ के निदेशक आशुतोष ठाकुर ने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मुझे सौ नचिकेता दे दो मैं विश्व बदल दूंगा। ऐसे ही नचिकेता तैयार करने का उद्देश्य है यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव का। यंग थिंकर्स फोरम की शुरुआत 2018 में हुई। इसका उद्देश्य युवाओं के बीच वैचारिक संवाद स्थापित कर बेहतर दिशा प्रदान करना है। यह समय-समय पर वायटीएफ वार्ता, पुस्तक चर्चा, हेरिटेज वॉक इत्यादि का आयोजन करवाता है। यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव की श्रृंखला में यह 5वाँ आयोजन है।
 
भारत केंद्रित दृष्टिकोण से विमर्श :
 
पहले दिन समान्तर सत्रों का आयोजन किया गया। इसमें विमोचित पुस्तकों पर उनके लेखकों ने अपनी बात रखी। ऋषि इंटेलिजेंस के लेखक रवि कुमार ने बताया कि उन्होंने पुस्तक के लेखन के लिए जंगलों में जाकर साधु–संतों से मिलकर बात की है। आयुर्वेद से लेकर उसका जड़ और चेतन दोनों के प्रभाव के बारे में जाना है। वहीं 'ए ब्रीफ हिस्टरी ऑफ फ्रीडम स्ट्रगल इन नॉर्थईस्ट ऑफ इण्डिया' की लेखिका आनंदिता सिंह ने बताया है कि औपनिवेशिक व्यवस्था के दौरान उत्तर–पूर्व का परिदृश्य क्या था और कैसे जांच हुई। उत्तर पूर्व को भी उपनिवेशीकरण के दौरान नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन आज के समय में देश में संपर्क का अभाव है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह किताब हिन्दी में भी अनुवादित होकर आ रही है। 'अ हिन्दू इन ऑक्सफोर्ड' की लेखिका रश्मि सामन्त ने कहा बताया कि उनकी पुस्तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में उनके संघर्ष को दर्शाती है।
 
अन्य वैचारिक सत्रों में प्रफुल्ल केतकर, स्वाति गोयल शर्मा, प्रखर श्रीवास्तव और रश्मि सावंत ‘नैरेटिव और इकोसिस्टम’ विषय पर विचार रखे तो वहीं प्रो. राम शर्मा ने ‘वोकिज्म’ पर बात की। अमृतांशु पाण्डेय ने ‘भारतीय दृष्टि में वैश्विक सभ्यताओं' पर प्रकाश डाला। पुस्तक प्रेमियों के लिए पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसमें अर्चना प्रकाशन, अक्षया प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन, वाइस ऑफ इंडिया प्रकाशन जैसे प्रकाशक मौजूद रहें। इसके अलावा एक अलग रावण के 10 मुंह नामक प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की गई। 
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