उमरिया जिले की जोधइया बाई को कला के लिए, जबलपुर के डाक्टर एमसी डावर को चिकित्सा में कार्य के लिए और रमेश व शांति परमार को कला के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिला है। मध्यप्रदेश के लिए यह गौरव का समाचार है। हाल ही के वर्षो में मिले पद्म पुरस्कारों के बाद देखने में आया है कि पुरस्कार उनके असल हकदारों को दिया जा रहा है, जो कि सुखद पहल मान सकते हैं। बात अगर 80 वर्ष पूर्ण कर चुकीं जोधइया बाई की ही करें तो देखने में आता है कि वह पहले मजदूरी करती थीं उसे छोड़कर उन्होंने कागज पर तस्वीरें उकेरना प्रारंभ कीं. उनका काम बड़ा ही सराहनीय था जिसकी वजह से उन्हें इतने बड़े सम्मान मिला। ऐसी ही कहानी अन्य लोगों की है जिन्होंने अपने काम को निःस्वार्थ भाव से किया। हमें इनसे सीखकर अपने कामों को करते समय अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए जिससे की वह काम अच्छा हो जाए, क्योंकि हमारे काम से ही हमारी पहचान होती है।