निरंतर बढ़ रहा है संघ का प्रभाव

22 Mar 2023 13:39:20
dr hedgewar
 
डॉ. हेडगेवार, लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय, विपिनचन्द्र पाल, क्रांतिकारी नेता त्रलोक्यनाथ, सरदार भगत सिंह, वीर सावरकार, सुभाषचंद्र बोस, रासबिहारी बोस, श्याम जी कृष्ण वर्मा जैसे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों की श्रेणी के महापुरुष थे तथा आप आजाद हिंद फौज, अभिनव भारत, गदर पार्टी, अनुशीलन समिति, हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक सेना, हिन्दू महासभा, आर्यसमाज आदि जैसे संगठनों के सम्पर्क में आए और आपने आगे चलकर भारतीय नागरिकों में राष्ट्रभाव जगाने एवं सामाजिक समरसता स्थापित करने के उद्देश्य से वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी और यही संघ आज पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है।
 
संघ शक्ति का प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समाज जागरण व परिवर्तन के लिए किए गए कार्यों का परिणाम समाज, देश व विश्व के सामने एक प्रतिमान के रूप में खड़ा हो रहा है। इसी कारण आज संघ विश्व में सर्वत्र सर्वाधिक चर्चित है।
 
डॉ हेडगेवार ने कहा था कि “संघ का कार्य व्यक्तियों को जोड़ने का है, तोड़ने का नहीं। अतः इसमें द्वेष की भावना, स्वार्थ, लोकेष्णा आदि का कोई स्थान नहीं है।” संघ के स्वयंसेवक आज भी इसी भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
 
डॉ. हेडगेवार ने कांग्रेस के भीतर रहकर अखंड भारत, सर्वांग स्वतंत्रता और शक्तिशाली हिन्दू संगठन की आवश्यकता का वैचारिक आधार तैयार करने का पूरा प्रयास किया था तथा वे कांग्रेस के मंचों पर अंग्रेजों के विरुद्ध धुआंधार भाषण भी देने लगे थे।
 
इन भाषणों से समस्त देश ने डॉ. हेडगेवार का उद्देश्य जाना और उधर डॉ. हेडगेवार के इन तेवरों से अंग्रेजों के मन में भय भी उत्पन्न हुआ था। ऐसे ही एक उग्र भाषण पर डॉ. हेडगेवार को अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर मई 1921 में राजद्रोह का मुकद्दमा चलाया गया और एकतरफा फैसले में डॉ. हेडगेवार को एक वर्ष के कठोर सश्रम कारावास की सजा दी गई थी। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर डॉ. हेडगेवार के क्रांतिकारी विचार कांग्रेस के नेताओं को असहज कर देते थे, अतः अंततः आपने कांग्रेस छोड़ दी थी एवं पूर्ण रूप से राष्ट्रवादी संगठनों के साथ जुड़ गए थे।
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