समाज परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है संघ

विश्व संवाद केंद्र में माननीय प्रान्त संघचालक श्री अशोक जी पाण्डेय ने की पत्रकारों से चर्चा

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    17-Mar-2023
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संघ चालक
 
भोपाल। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक 12, 13 एवं 14 मार्च 2023 को हरियाणा प्रांत में सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र पट्टीकल्‍याणा, समालखा में संपन्‍न हुई। रविवार 12 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत और माननीय सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने भारतमाता के चित्र पर पुष्पार्पित कर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ किया। प्रतिनिधि सभा की बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन सहित आगामी कार्य दृष्टि के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया।
 
‘स्व आधारित राष्ट्र के नवोत्थान का संकल्प लें' शीर्षक से पारित प्रस्ताव भारत के अमृतकाल और संघ के सौवें वर्ष की ओर बढ़ती यात्रा के समय में समाज को दिशा देने का कार्य करेगा। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में देशभर से 34 संगठनों के 1474 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिनिधि सभा में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय स्‍तर पर कार्य स्थि‍ति भी प्रतिनिधियों के सम्‍मुख रखी गई। देश के प्रत्‍येक भाग में संघ कार्य में वृद्धि हो रही है। 2025 में संघ अपने स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। वर्तमान में संघ 71,355 स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर कार्य कर समाज परिर्वतन के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निभा रहा है। अगले एक वर्ष तक एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य है।
 
वर्ष 2020 में आई कोरोना आपदा के बाद भी संघ कार्य बढ़ा है। वर्ष 2020 में 38,913 स्थानों पर 62491 शाखा, 20303 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन व 8732 स्थानों पर मासिक मंडली चल रही थीं। 2023 में यह संख्या बढक़र 42613 स्थानों पर 68651 शाखाएं, 26877 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन तथा 10412 स्थानों पर मासिक मंडली तक पहुंच गई है। संघ दृष्टि से देशभर में 911 जिले हैं, जिनमें से 901 जिलों में संघ का प्रत्यक्ष कार्य चलता है। 6663 खंडों में से 88 प्रतिशत खंडों में, 59326 मंडलों में से 26498 मंडलों में संघ की प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं। शताब्दी वर्ष में संघ कार्य को बढ़ाने के लिए संघ के नियमित प्रचारकों व विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता दो वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक निकले हैं। इनमें मध्यप्रदेश के 215 कार्यकर्ता शामिल हैं, जिसमें मध्यभारत से 110, मालवा से 57 और महाकौशल से 48 कार्यकर्ता शताब्दी विस्तारक निकले हैं।
 
मध्‍यप्रदेश में 7923 शाखाएं लग रही हैं :
 
संघ की दृष्टि से मध्‍यप्रदेश में तीन प्रांत मध्‍यभारत, मालवा एवं महाकौशल आते हैं। तीनों प्रांतों में संघ कार्य में वृद्धि हो रही है। मध्‍यभारत प्रांत में वर्ष 2022 में 1698 शाखाएं लगती थी जो वर्ष 2023 में बढ़कर 2149 हो गई हैं। मालवा में 2618 स्‍थानों पर 3977 शाखाएं लग रही हैं। इसी प्रकार महाकौशल में 1325 स्‍थानों पर 1797 शाखा लग रही हैं।
 
आज संघ के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है। वर्ष 2017 से 2022 तक ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से संघ के पास देशभर से 7,25,000 निवेदन आए हैं। इनमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं, जो समाज सेवा के लिए संघ से जुड़ना चाहते हैं। दैनिक शाखाओं में भी युवाओं की रुचि बढ़ रही है। संघ की 60 प्रतिशत शाखाएं विद्यार्थी शाखाएं हैं। पिछले एक वर्ष में 121137 युवाओं ने संघ का प्राथमिक शिक्षण प्राप्त किया है। आगामी वर्ष की योजना में देशभर में संघ शिक्षण के 109 शिक्षण वर्ग लगेंगे, जिसमें लगभग 20 हजार स्वयंसेवकों के शिक्षण प्राप्त करने का अनुमान है। संघ की शाखाएं समाज परिवर्तन का आधार बन रही हैं। शताब्दी वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए संघ सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण और नागरिक कर्तव्यों को लेकर विशेष रूप से प्रयास करेगा।
 
मध्‍यभारत प्रांत में कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं गुणवत्‍ता विकास
 
मध्यभारत प्रांत के सभी जिला केंद्रों पर शारीरिक प्रधान कार्यक्रम करने की योजना बनी, विशेषकर भोपाल में 11 दिसंबर 2022 को शारीरिक प्रधान कार्यक्रम का प्रदर्शन हुआ। 1834 स्वयंसेवकों द्वारा दंड के प्रगत प्रयोग, घोष वादन, समता आदि का प्रदर्शन हुआ। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावतजी व माननीय सरकार्यवाह जी उपस्थित थे।
 
भिंड जिला केंद्र पर 14 अक्तूबर 2022 को माननीय श्री भैय्याजी जोशी की उपस्थिति में 415 स्वयंसेवकों ने शारीरिक अभ्‍यास का प्रकटीकरण किया। कार्यक्रम के बाद 12 नई शाखा प्रारम्भ हुई हैं। ब्यावरा जिला केंद्र के शारीरिक प्रधान कार्यक्रम में माननीय श्री सुनील जी कुलकर्णी की उपस्थिति में सभी 8 बस्तियों की 18 शाखाओं ने प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किये।
 
भोपाल की एक शाखा द्वारा सेवाभारती के सहयोग से एम्स हॉस्पीटल में ‘सार्थक सेवा केंद्र’ का संचालन किया जा रहा है, जहाँ मरीजों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करायी जाती है। इसके साथ ही एम्स परिसर में मरीजों के परिजनों के लिए सर्दी के मौसम में रैन बसेरा भी संचालित किया गया।
 
प्रभावी होती गतिविधियां
पूरे देश में जिस प्रकार संघ कार्य बढ़ा है उसी प्रकार मध्‍यभारत प्रांत में भी कार्य विस्‍तार तेज गति से हो रहा है।
 
मध्यभारत प्रांत : राजगढ़ जिले को समरस जिला बनाने के प्रयास के अंतर्गत कार्यकर्ताओं ने स्थानीय सामाजिक चुनौती समरसता को केंद्रित कर 80% गावों में, बस्तियों में समरसता सर्वेक्षण व सामाजिक अध्ययन कराया। कुछ चिन्हित स्थानों पर समन्वय व सदभाव बैठकों का आयोजन किया गया।
 
‘पॉलिथीन मुक्त ग्वालियर अभियान’ हेतु पर्यावरण सचेतक समिति का गठन किया गया। इस अभियान से अब तक कुल 52 सामाजिक संस्थाएं जुड़ी हैं। समाज जागरण हेतु संकल्प कार्यक्रम विद्यालय, महाविद्यालय, विभिन्न सामाजिक एवं सार्वजनिक संस्थानों में सम्पन्न हुए, जिसमें अब तक डेढ़ लाख लोगों ने पॉलिथीन मुक्त ग्वालियर बनाने का संकल्प लिया। कपड़े की 50 हजार से अधिक थैलियों का वितरण भी किया गया।
 
स्‍वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत सभी 16 शासकीय जिलों में उद्यमिता प्रोत्‍साहन सम्‍मेलन के 106 कार्यक्रम संपन्‍न हुए। माननीय सरकार्यवाह जी की उपस्थिति भोपाल में प्रत्‍यक्ष एवं अन्‍य 15 जिलों में आभासी माध्‍यम से रोजगार सृजन केंद्रों का शुभारंभ किया गया। ये रोजगार सृजन केंद्र उद्यम एवं रोजगार के लिए मार्गदर्शन देने का कार्य कर रहे हैं।
 
मालवा प्रांत के खंडवा विभाग में मंडल व बस्ती स्तरीय कार्य विस्तार करने के लिए प्रत्येक मंडल व बस्ती पर संगठन श्रेणी हेतु 4 कार्यकर्ता व जागरण श्रेणी हेतु 7 कार्यकर्ताओं की टोली बनीं। पूरे विभाग के 117 मंडलों में से 22 में एवं 70 बस्तियों में से 19 बस्तियों में संगठन श्रेणी की टोलियां थी।
 
इंदौर में दो वर्ष पूर्व स्‍वयंसेवकों और मातृशक्ति के प्रयासों से नि:शुल्‍क कोचिंग प्रारंभ की गई। विद्याभारती की शिशु वाटिका भी चल रही है। आज 70 बच्‍चे प्राथमिक शिक्षा प्राप्‍त कर रहे हैं। उज्‍जैन महानगर में जीवनदायिनी क्षिप्रा को पुन: प्रवाहमान बनाने के लिए आमजन द्वारा ‘क्षिप्रा नदी संरक्षण अभियान’ चलाया जा रहा है। मंदसौर जिले में स्‍वयंसेवकों ने ऐसे मंदिर चिन्हित किए जहां लोगों का आना कम होता है। इन मंदिरों में प्रति मंगलवार और शनिवार को आरती एवं हनुमान चालीसा पाठ प्रारंभ किया गया। ऐसे तीन मंदिर समाज को सौंपे जा चुके हैं। ये आराधना के केंद्र बन गए हैं।
 
महाकौशल प्रांत में कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं गुणवत्‍ता विकास की दृष्टि से महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के बीच कार्य बढ़ाने एवं प्रत्‍येक इकाई में टोली खड़ी करने के उद्देश्‍य से प्रांत स्‍तर पर विद्यार्थियों का ‘सृजन शिविर’ आयोजित किया गया।विद्यार्थियों को संघ से जोड़ने के लिए प्रांत में 30 स्‍थानों पर संघ परिचय वर्ग आयोजित हुए। शॉर्ट फि‍ल्‍म निर्माण एवं प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट बनाने हेतु कार्यशालाएं आयोजित की गईं। पपू.सरसंघचालक के प्रवास में संगोष्‍ठी आयोजित की गई जिसमें समाज के अपने अपने कार्यक्षेत्र में विशेष योग्‍यता रखने वाले 1070 लोग उपस्थित रहे।
 
अशोक पाण्डेय
प्रांत संघचालक, मध्यभारत