रिपोर्ट: सौरभ तामेश्वरी
मामला 9 नवम्बर 2023 का है.....
विदिशा जिले की गंजबासौदा तहसील में मिशनरियों द्वारा संचालित
भारत माता कान्वेंट स्कूल (Bharat Mata Convent Sr. Sec. School) के मामले में अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है. मामला बड़ा होने के कारण सभी का ध्यान इस ओर है. घटना 9 नवम्बर की है जहाँ बच्चों द्वारा ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने पर उन्हें सार्वजनिक रूप से मंच पर बुलाकर पीटा गया तो स्थानीय नागरिकों और छात्र संगठन द्वारा इसका विरोध जताया गया. यहाँ विद्यालय के विरुद्ध शिकायत हुई और बात राष्ट्रीय स्तर तक मीडिया में पहुंची.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उस दिन भारत माता कान्वेंट विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम के दौरान वहां बच्चों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगा दिए, इस पर कार्रवाई करते हुए विद्यालय की
प्राचार्या रीना (Sr. Reena FCC) ने कक्षा 6 एवं 7 के विधार्थियों को मंच पर बुलाकर सभी की पिटाई कर दी. बच्चों ने घर पर जाकर यह बात बताई जिसके बाद बात छात्र संगठन तक पहुंची. यहाँ के स्थानीय नागरिक और
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा विद्यालय में प्राचार्या द्वारा किये इस प्रकार के बर्ताव का विरोध किया गया. जिसके बाद वहां मौके पर पुलिस प्रशानिक अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे, जिनसे उपस्थित नागरिकों ने विद्यालय के विरुद्ध एक्शन लेने को कहा गया. वहीं इस घटना पर विद्यालय की ओर से कहा गया कि बच्चे की पिटाई नहीं की. नागरिकों ने विद्यालय की इस बात को झूठा बताते हुए एक्शन लेने की मांग की.
मामला यहीं पर नहीं रुका, विवेक विश्वकर्मा ने इसकी शिकायत
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से की, जिसके बाद कानूनगो ने मामले की गंभीरता को समझते हुए विदिशा जिला अधीक्षक को जांच कराने के निर्देश दिए.
घटना के लगभग 20 दिन बाद जांच दल जांच करने पहुंचा, लेकिन अचानक से बिना कार्रवाई किये वहां से चला गया तो मीडिया में सवाल खड़े हुए. यह सब घटनाक्रम हुआ ही था और प्रशासन ने कोई कार्रवाई भी नहीं कर पायी थी. विद्यालय के स्टाफ ने यहाँ के एक पत्रकार पर अभद्रता और धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगा दिया.
इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ा, स्थानीय नागरिकों व् संगठनों ने विद्यालय के स्टाफ की बातों को बेबुनियाद बताते हुए विद्यालय के रवैये के विरुद्ध प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. आसपास की तहसील में भी विद्यालय स्टाफ के आरोपों की निंदा की गयी.
बच्चों द्वारा जय श्री राम बोलने और विद्यालय प्राचार्या द्वारा उन्हें मंच पर बुलाकर पीटने की घटना पर एक माह होने को चूका है, लेकिन यह अब भी वैसा ही अटका हुआ है. प्रशासन के मौन को नागरिक अपने हिसाब से समझने में लगे हैं.
मामले के बाद वर्तमान स्थिति यह है कि स्थानीय स्तर पर भारत माता कान्वेंट स्कूल (Bharat Mata Convent Sr. Sec. School) का भारी विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर भारत माता कान्वेंट स्कूल (Bharat Mata Convent Sr. Sec. School) में हिन्दू विरोधी होने तर्क नागरिक प्रस्तुत कर रहे हैं.
बच्चे की पिटाई का था मामला पत्रकार के विरुद्ध माहौल सेट करके मोड़ने का प्रयास
'जय श्री राम' का नारा लगाने वाले बालकों को मंच पर बुलाकर पीटने वाली प्राचार्या का मामला जब तूल पकड़ने लगा तो मीडिया में बात पहुंची. मिशनरी स्कूल की ओर से इस मामले को दरकिनार करके किसी और ही बात को हवा दी. गंजबासौदा के मिशनरी स्कूल भारत माता कान्वेंट के स्टाफ द्वारा वहां के अनुविभागीय अधिकारी को गगन दुबे नामक एक पत्रकार के विरुद्ध एक शिकायती आवेदन दिया, जिसमें कहा गया कि गगन विद्यालय में बाहरी उपद्रवियों के साथ आकर विद्यालय में स्टाफ को धमकाता है और अपशब्द बोलकर धार्मिक उन्माद फैलाने का कार्य करता है, ऐसे कहते हुए पत्रकार पर कार्यवाही की मांग की गयी.
स्कूल की ओर से यह ज्ञापन सौंपा ही था कि नगर में इस आवेदन का विरोध प्रारंभ हो गया.
विभिन्न नागरिक और संगठनों ने भारत माता कान्वेंट स्कूल (Bharat Mata Convent Sr. Sec. School) के इस ज्ञापन को झूठा बताते हुए बेवजह ही पत्रकार को घेरने की बात कही.
मामला इतना दूर तक पहुंचा कि गंजबासौदा ही नहीं आसपास के क्षेत्र लटेरी, त्योंदा इत्यादि में भारतमाता कान्वेंट द्वारा पत्रकार पर लगाये आरोपों के विरुद्ध ज्ञापन सौंपा. सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में नागरिकों ने मिशनरी स्कूल भारत माता कान्वेंट का विरोध हो रहा है.
पत्रकार ने सोशल मीडिया पर बताई मिशनरी स्कूल के विरोध की सच्चाई
गंजबासौदा के पत्रकार गगन दुबे के विरुद्ध भारत माता कान्वेंट के स्टाफ की ओर से ज्ञापन सौंपा गया है. दरअसल दुबे इससे पहले भी इस मिशनरी द्वारा किये जाने वाले धर्म विरोधी कार्यों को सोशल मीडिया पर उजागर करते आये हैं. दुबे का कहना है कि इसीलिए मिशनरी स्कूल अपनी सोची समझी रणनीति के तहत अपने स्टाफ से उसके विरुद्ध माहौल तैयार करने की कोशिश कर रहा है.
अपनी बात करते हुए दुबे ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि "आपने जानबूझकर हम सबके महत्वपूर्ण त्यौहार रक्षाबंधन के पर पेपर रखकर राजनीति करनी चाही, आपसे फोन लगाकर संपर्क किया निवेदन किया कि महिलाओं-बच्चों को बहुत दिक्कत होगी लेकिन आप नहीं माने. तब मजबूरन हमने सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाकर विरोध किया."
कक्षा 7/8 के बच्चे ज्यादा से ज्यादा 13/14 साल की उम्र के होंगे. बच्चे ही थे, कोई अपराधी नहीं थे. उन्होंने जय श्री राम बोला था. आपने केवल उन बच्चों पर ही नहीं बल्कि वहां उपस्थित सभी बच्चों पर भय बनाने, सभी बच्चों के सामने मंच पर ले जाकर प्रताड़ित किया.. मैंने निष्पक्ष पत्रकारिता के माध्यम से आपके इस कृत्य का विरोध किया.
जब आपके इस कृत्य का विरोध छात्र संगठनों ने किया और आप ने उन पर दबाव बनाया तो पूरे मामले की मैंने आंखों देखी निष्पक्ष खबर बनाई, लेकिन आपने हमारे पत्रकारिता धर्म पर भी दबाव डालने का कार्य किया.
आपने बच्चों की कोमल मानसिक स्थिति को दरकिनार करते हुए भारी-भरकम सिलेबस, शासन की तय शुदा समय सीमा के विरुद्ध जाकर जल्दी-जल्दी निपटाकर परीक्षा करवाईं. मैंने तथा अन्य अभिभावक मित्रों ने इसका विरोध किया.
जाँच करने आई टीम उलटे पाँव लौटी तो सवाल खड़े हुए
जय श्री राम बोलने वाले बच्चों की पिटाई की घटना के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इसकी शिकायत विवेक विश्वकर्मा नामव युवक द्वारा की गयी, इसमें घटना का विरोध जताते हुए विद्यालय प्राचार्या सिस्टर रीना के इस रुख पर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी. लगभग 20 दिन बाद जांच दल स्कूल में पहुंचा भी था. गंजबासौदा की मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कहा जा रहा है कि वहां जांच करने पहुंचे आरके जैन बिना कार्रवाई किये लौट गए. समाचारों में यह तक लिखा कि विद्यालय की ओर से किसी से जैन साहब की बात करा दी और वे बिना जांच किये ही विद्यालय से लौट गए. पत्रकारों ने जब सवाल पूछे तो पहले तो वे कुछ नहीं बोले लेकिन जब बार-बार सवाल पूछे तो फिर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के आने की बात कही. इस मामले ने मीडिया में खूब सुर्खी बटोरी और जांच पर ही प्रश्न खड़े होने लगे.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने जताई नाराजगी, बोले मैं स्वयं आऊंगा
गंजबासौदा के इस मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मामले की गंभीरता को समझते हुए अब तक कार्रवाई न होने पर फेसबुक पर स्वयं के आने की बात कही. उन्होंने लिखा "गंजबासौदा,विदिशा में कॉन्वेंट स्कूल में एक कार्यक्रम में बच्चों ने उत्साहित हो कर जय श्री राम का नारा लगाया जिस पर स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को पीटे जाने व इसके विरुद्ध पुलिस द्वारा कार्यवाही न किए जाने की शिकायत मिली थी शिकायत के आधार पर मैंने ज़िला प्रशासन को जाँच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। जानकारी मिली है कि मिशनरी स्कूल द्वारा बच्चों व अभिभावकों के विरुद्ध पुलिस में झूठी शिकायत के आधार पर कार्यवाही करवायी जा रही है तथा इस आशय की धमकी भी दी जा रही है। यह बहुत गंभीर बात है,इस प्रकार की उद्दंडता बर्दाश्त नहीं की जाएगी बासौदा पुलिस व प्रशासन को कार्यवाही करनी चाहिए। यदि किसी भी बच्चे को या अभिभावक, शिकायतकर्ता को अब धमकी मिले तो सीधे मुझे बताएँ, मैं स्वयं बासौदा आऊँगा… हर दुस्साहसी को दंड देना आवश्यक है।"
अब देखना है मामले में क्या होता है !
गंजबासौदा में घटित हुआ मामला अब काफी सुर्खियाँ बटोर रहा है, नगर से राष्ट्रीय स्तर तक यह मामला लोगों के ध्यान में आ चुका है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने तक मामले में एसपी को कार्रवाई करने हेतु कहा है. इसके बावजूद पूरा एक महीना होने को आया है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई बड़ी जानकारी सामने नहीं आई है. मध्यप्रदेश में चुनाव भी संपन्न कराये जा चुके हैं, अब देखना है कितना और समय इस घटनाक्रम पर कार्रवाई होने में लगता है.