स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर की स्मृति में लता मंगेशकर चौराहे का लोकार्पण

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    28-Sep-2022
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स्वर कोकिला
अयोध्या में स्वर कोकिला लता मंगेशकर के जन्मदिवस पर उनकी स्मृति में बनाए बने लता मंगेशकर चौराहे का लोकार्पण किया गया.  चौराहे पर बने चबूतरे पर करीब तांबे व स्टेनलेस स्टील की बनी 40 फीट लंबी व करीब 14 टन वीणा को स्थापित किया गया है. यह सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. चौराहे के के बीच में चारों ओर 92 कमल की आकृति के पत्थर फूल लगाए गए हैं, जो दिवंगत लता जी की उम्र को दर्शाते हैं.
 
यह वीणा अयोध्या की सुन्दरता को बढ़ाएगी.
 
ज्ञातव्य हो कि उन्हें अपने सुरीले स्वर में 20 से भी अधिक भाषाओं में 50,000 से भी अधिक गीत गाकर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड’ में नाम लिखा चुकीं स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर किसी से इंदौर में जन्मीं थीं. 28 सितम्बर, 1929 को मराठी रंगमंच से जुडे़ पण्डित दीनानाथ मंगेशकर जी के यहाँ हुआ था. पाँच वर्ष की छोटी अवस्था में ही लता ने अपने पिता के साथ नाटकों में अभिनय प्रारम्भ कर दिया और उनसे ही संगीत की शिक्षा भी लेने लगीं.
 
जब लता केवल 13 वर्ष की थीं, तब उनके सिर से पिता का वरद हस्त उठ गया. कई उतार चड़ाव देखने के बाद वह सपरिवार मुम्बई आ गयीं. उन्होंने फिल्मों में अभिनय भी किया इसके बाद वर्ष 1949 में उन्हें गाने का अवसर मिला. फिल्म ‘महल’ और ‘बरसात’ के गीतों से वे गायिका के रूप में फिल्म जगत में स्थापित हो गयीं.
 
लता मंगेशकर को गायन के लिए देश और विदेश में हजारों पुरस्कार और सम्मान मिले हैं. कला के क्षेत्र में उनकी व्यापक सेवाओं को देखते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया. उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण और सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ भी दिया गया है. अधिक अवस्था के कारण अब उन्होंने गाना कम कर दिया है। फिर भी आध्यात्मिक रुचि होने के कारण वे धार्मिक भजन आदि गा लेती हैं.  

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