संतश्री धर्मेन्द्र जी महाराज का देहावसान

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक और सरकार्यवाह ने श्रद्दा सुमन किये अर्पित

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    19-Sep-2022
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dharmendra shastri ji
 
अपने राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के लिए समर्पित व महात्मा रामचन्द्र वीर महाराज के चिरंजीव धर्माचार्य संतश्री धर्मेन्द्र महाराज आज पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। 09 जनवरी 1942 को गुजरात के मालवाड़ा में जन्में महाराज कई दिनों से अस्वस्थ्य चल रहे थे।
प्रारम्भ से ही उनकी वाणी में माँ सरस्वती विराजमान रही, प्रखर तेजस्वी वक्ता रहे। वे श्रीराम जन्मभूमि संघर्ष अभियान के प्रमुख पात्रों में से एक थे व विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल में थे। विगत कई दिनों से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती थे। उनका जीवन राष्ट्र, धर्म, संस्कृति के लिए समर्पित रहा। ऐसे महान श्रीसंत के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भावपूर्ण संवेदना प्रकट करते हैं।
 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से दी श्रद्धांजलि
 
आचार्यश्री धर्मेंद्र जी के देवलोकगम के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत एवं सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने उन्हें श्रद्दा सुमन अर्पित करते हुए कहा- "श्रीपंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्यश्री धर्मेंद्र जी का शरीर शांत होने से हिन्दू समाज ने अपने एक प्रखर वक्ता एवं हिन्दू धर्म-संस्कृति के संघर्षशील प्रहरी को खोया है. उनके संतप्त परिजनों एवं अनुयायियों के प्रति हम अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
 
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के एक प्रमुख सेनानी के नाते आचार्य जी द्वारा किया हिन्दुत्व जागरण का कार्य सदा स्मरणीय रहेगा।ईश्वर दिवंगत आचार्य की पवित्र आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।"