भोपाल। अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की योजना से मध्यभारत प्रांत में व्यापक स्तर पर निधि समर्पण अभियान चलाया गया था। इस अभियान के अंतर्गत मध्यभारत प्रांत से 60 करोड़ 3 लाख रुपये की राशि श्रीराम मंदिर के लिए एकत्र हुई। रविवार को समाज सेवा न्यास, भोपाल में इस राशि का अंकेक्षण प्रतिवेदन (ऑडिट रिपोर्ट) के लोकार्पण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
प्रांत निधि प्रमुख श्री सोमकांत उमालकर द्वारा विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष श्री किशनलाल शर्मा को सौंपी।
इस अवसर पर संत श्रद्धेय अभय कात्यायन महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रांत के संघचालक श्री अशोक पाण्डेय, निधि समर्पण अभियान के प्रांत संयोजक श्री ब्रजेश चौहान, सह-संयोजक श्री ओमप्रकाश सिसौदिया सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
प्रांत में 31 जिला निधि प्रमुख एवं 330 निधि प्रमुखों के सहयोग से यह कार्य किया गया। निधि समर्पण के लिए प्रांत के सभी नगरों, मोहल्लों एवं गाँवों तक कार्यकर्ता पहुंचे।
अंकेक्षण प्रतिवेदन कार्यक्रम में उपस्थित संत श्रद्धेय अभय कात्यायन महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि बड़े भाग्य से हमें मनुष्य योनि में जन्म मिला। उस पर भी ईश्वर की कृपा से भारत भूमि पर हिन्दू धर्म में जन्म मिला। ऐसे लोग बहुत भाग्यवान हैं, जिन्हें श्रीराम मंदिर से जुड़े अभियान में काम करने का अवसर मिला क्योंकि रामकाज का अवसर बड़े भाग्य से मिलता है।
उन्होंने कहा कि श्रीरामजी के मंदिर के लिए निधि समर्पण में कठिनाई भी आई होगी और आनंद की अनुभूति भी हुई होगी। उन्होंने अभियान में शामिल रहे प्रमुख कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सबने यह कार्य बहुत कुशलता से किया है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि रामजी के जीवन को ध्यान करेंगे तो दुःख और सुख से ऊपर उठकर समभाव के साथ सारे कार्य किए जा सकते हैं। संत श्री कात्यायन जी ने कहा कि हमने मंगलमय धर्म विश्व को दिया।
हम सबका हृदय अयोध्या बने, समाज में एकात्म भाव का करें निर्माण:
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री स्वप्निल कुलकर्णी ने कहा कि राम के काज के लिए जो धन समाज ने दिया, उसे ठीक से योग्य स्थान तक पहुंचाने का प्रशिक्षण लेकर कार्यकर्ताओं ने जिस सक्रियता एवं समर्पण से कार्य किया, उसका परिणाम आज सबके सामने है। जब हम इस प्रकार के अभियान के माध्यम से समाज के पास जाते हैं तो हमें समाज के उस स्वरूप का दर्शन होता है, जिसकी कल्पना दुनिया करती है।
सामान्य तौर पर हमें ऐसा लगता है कि यह समाज तो केवल अपने स्वार्थ में डूबा हुआ है। इस तरह के अभियान से यह धारणा बदलती है। जिन लोगों ने इस अभियान के अंतर्गत समाज के स्वरूप का दर्शन किया है, उनका अनुभव आने वाली पीढ़ी के लिए दर्शन बनने वाला है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अगला कार्य है कि हम ऐसे समाज का निर्माण करें, जो सब प्रकार के वैमनस्य त्याग करके प्रेमपूर्वक रहे। एकात्मता के भाव के साथ यह समाज बने। सरसंघचालक जी ने कहा है कि अब हम सबका हृदय अयोध्या बनना चाहिए। इस अवसर पर निधि समर्पण में शामिल रहे कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव भी सुनाए।