10 किलों चरस के साथ गिरोह सदस्य गिरफ्तार

15 Jul 2022 17:16:30
ड्रग तस्कर
  
क्राइम ब्रांच की टीम ने देवर-भाभी गिरोह को अपनी गिरफ्त में लिया है, गिरोह की जुलेखा सिद्दीकी सहित अन्य साथी मुंबई में ड्रग सप्लाई करते थे, जिन्हें रानी कमलापति रेलवे स्टेशन जाते समय गिरफ्तार किया है.
भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम ने एक गैंग को गिरफ्तार किया है, जिससे लगभग 5 करोड़ रूपये कीमती 10 किलो चरस मिला है. गिरोह की मुखिया जुलेखा सिद्दीकी को उसका देवर नेपाल से ड्रग्स पहुंचाता था. जिसे गिरोह मुंबई के तस्करों को सप्लाई करता था।
 
विगत दिवस गिरोह के सदस्य जब ऑटो से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन जाने से तस्करों को मुंबई की ट्रेन पकड़ने के लिये निकल रहे थे, तब पुलिस की टीम ने उन्हें मौके पर पहुंचकर पकड़ लिया।
 
इसकी जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि ऑटो में बैठे व्यक्ति ने अपनी पहचान अंधेरी वेस्ट (मुंबई) निवासी 44 वर्षीय शाहिद, साथ में बैठी महिला ने अपनी पहचान जुलेखा डीएन नगर अंधेरी वेस्ट बताया। दोनों देवर-भाभी हैं। शाहिद के बैग की तलाशी लेने पर तीन पैकेट में चरस मिली। जुलेखा के कंधे पर टंगे बैग में 1 किलो 480 ग्राम चरस मिली। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने चरस की दलाली करने वाले बबलू उर्फ शाहिद के पास से 265 ग्राम, वीर बहादुर गिरी के पास से 6.700 किग्रा चरस बरामद की।
 
जांच में सामने आया है कि यह काम पहले महिला का पति किया करता था जिसकी मृत्यु के बाद अब महिला उसके धंधे को संभाल रही थी।
 
इस प्रकार है तस्करों की जानकारी-
 
जुलेखा सिद्दीकी: उम्र 48 साल। निवासी- याकूब ड्राइवर सोलापुर चाल कामा रोड, गांव देवीडोंगरी उस्मानिया डोंगरी, थाना डीएन नगर अंधेरी वेस्ट मुंबई। अनपढ़ है। पति अब्दुल कलाम सिद्दीकी की मौत के बाद चरस की तस्करी में लग गई।
 
शाहिद: उम्र 44 साल। निवासी- याकूब ड्राइवर सोलापुर चाल कामा रोड, गांव देवीडोंगरी उस्मानिया डोंगरी, थाना डीएन नगर अंधेरी वेस्ट मुंबई। अनपढ़ है। भाभी जुलेखा के साथ मिलकर तस्करी करता था।
 
बबलू उर्फ शाहिद अली: उम्र 40 साल। निवासी- बैतूल। भोपाल में मॉडल ग्राउंड थाना शाहजहांनाबाद में रहता है। नेपाली तस्कर से इसके पास चरस की खेप पहुंचती है। इसके बादवह आगे की सप्लाई देता है। दिखावे के लिए कानपुर से लेदर की बेल्ट लाकर बेचता है।
 
वीर बहादुर गिरी: उम्र 45 साल। निवासी- शिवराजपुर थाना नौतन जिला पश्चिम चंपारन, बिहार। चौथी तक पढ़ा है। कारपेंटरी का काम करता है। 
 

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