शहडोल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र द्वारा आयोजित द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का पांडव नगर सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीमान डॉ अशोक वार्ष्णेय (अखिल भारतीय संगठन मंत्री आरोग्य भारती) ने कहा कि समाज के लोगों में देश भक्ति, स्वयं की जिम्मेदारी का भाव एवं राष्ट्रीय दृष्टिकोण होना चाहिए।
डॉ अशोक जी ने संघ के वर्गों की जानकारी दी एवं वर्गों में प्रशिक्षित होने के पश्चात संघ की उन शिक्षार्थियों से क्या अपेक्षा है इसकी जानकारी दी। उन्होंने स्वच्छता के प्रति जागरूक रहना एवं पर्यावरण के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, जो कि छोटे-छोटे उपक्रमों द्वारा संभव है ऐसी बात कही। संचार के साधनों से प्राप्त सूचनाओं को समझ कर उनका अनुपालन करने पर उन्होंने जोर दिया।
उन्होंने कहा की व्यक्तिगत विषयों को छोड़कर सामाजिक विषयों को संपूर्णता में देखना चाहिए। सकारात्मक संगठित समाज शक्ति यही इसका निदान है। इसके लिए दैनिक शाखा एक यंत्र है समाज को लोगों को उनकी रूचि के अनुसार संगठन में काम करने के लिए हम तैयार कर सकते हैं। जब हम समाज का कार्य करते हैं उसमें गिव एंड टेक होता है, टेक एंड गिव नहीं होता, ऐसी कुछ बातें उन्होंने अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत शिरोमणि परम पूज्य श्री श्री 1008 भगत गिरी जी महाराज अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री जूना अखाड़ा अपने-अपने आशीष वचन में कहा कि, समाज को मिल जुल कर रहना चाहिए और अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
द्वितीय वर्ष के इस वर्ग में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ से 368 व महाराष्ट्र से 3 ऐसे कुल 371 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। जिन्हें 40 शिक्षकों, 10 पालको, 04 प्रांत प्रमुख, वर्ग पालक तथा वर्ग कार्यवाह द्वारा पूरे 20 दिवस विविध प्रकार के शारीरिक वह बौद्धिक कार्यक्रम से प्रशिक्षित किया। शिक्षार्थियों के बौद्धिक संबोधन हेतु संघ के सरकार्यवाह माननीय दत्तात्रेय होशबोले, सह सरकार्यवाह माननीय मनमोहन जी वैद्य, सह सरकार्यवाह माननीय कृष्ण गोपाल जी का वर्ग में आगमन हुआ। प्रतिदिन वर्ग में शहडोल नगर से रोटी बनाने हेतु प्रातः एवं सायं मिलाकर 80 मातृशक्तियों का सहयोग प्राप्त हुआ। प्रतिदिन प्रज्ज्वलन हेतु शहडोल के गणमान्य नागरिकों द्वारा प्रतिदिन वर्ग में आकर शिक्षार्थियों का उत्साहवर्धन किया। वर्ग में प्रतिदिन शहडोल के 40 से 50 सामाजिक बंधु वर्ग दर्शन हेतु संघ शिक्षा वर्ग में नियमित पधारे।