रण जीता- खजराना गणेश जी को समर्पित की ट्राफी

रणजी ट्राफी में मध्यप्रदेश की टीम विजयी, भगवान गणेश के दर्शनों को पहुंची टीम

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    28-Jun-2022
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माना जाए तो क्रिकेट का खेल भी युद्ध ही हैजहाँ  स्टेडियम रणभूमि है, गेंद-बल्ला अस्त्र-शस्त्र और खिलाड़ी योद्धा। विभिन्न प्रतियोगिताएं योद्धाओं को युद्ध में लेकर जाती हैं, इनमें देश में चलने वाली रणजी ट्राफी भी एक है। विगत 50 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही इस प्रतियोगिता में वर्ष २०२२ में मध्यप्रदेश की टीम ने विजयी हांसिल कर ली। अर्थात मध्यप्रदेश टीम के योद्धा इस बार रणजी के रण से विजयी होकर वापिस आ गये। जिसके बाद प्रदेश में वापिस आकर उन्होंने सबसे पहले प्रसिद्द खजराना गणेश मंदिर पहुंचकर ट्राफी भगवान को समर्पित की और विजय होने पर आशीर्वाद प्राप्त किया
 
इंदौर। सच ही है कि तस्वीरें बोलती हैं. बीते दिवस से सोशल मीडिया पर चल रहीं तस्वीरों ने इस बात को चरितार्थ कर दिया. खिलाडियों के चेहेरों की हंसी, मुख्यमंत्री को जानकारी मिलते ही उछलकर अपनी बात कहना, प्रदेश भर में हर्ष के माहौल का होना, लोगों में उत्साह दिखना और उनकी ख़ुशी का दोगुना होना. इन सभी बातों से निकलकर आयीं तस्वीरों ने सब कुछ बोल दिया. और जानकारी मिल गयी कि मध्यप्रदेश की टीम रणजी जीत गई. लंबे समय बाद प्रदेश की टीम को यह खुशी का क्षण देखने को मिला।
 
विजय की इस ख़ुशी को खिलाड़ियों ने सर्वप्रथम इंदौर के खजराना गणेश के समक्ष समर्पित किया. टीम ने खिलाडियों ने भगवान गणेश को ट्राफी समर्पित करते हुए उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
 
स्टेडियम में नांचे खिलाडी
 
यह ख़ुशी का अवसर था मध्यप्रदेश को पहली बार रणजी ट्रॉफी दिलाने वाली टीम का सोमावर को इंदौर में भव्य स्वागत किया गया. हॉकी खिलाडिय़ों ने हॉकी स्टिक से गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इंदौर के होलकर स्टेडियम में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें खिलाडियों ने नांचा भी. सम्मान समोराह को एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर, सचिव संजीव राव, कोच चंद्रकांत पंडित, बीसीसीआइ के पूर्व सचिव संजय जगदाले, कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने संबोधित किया।
 
रण जीत कर योद्दा लाये रणजी की ट्राफी
 
वर्ष १९३४ से प्रारंभ हुए रणजी ट्राफी में यह पहला अवसर है जब मध्यप्रदेश की टीम ने ट्राफी जीती है. मध्यप्रदेश की टीम ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को फाइनल में 6 विकेट से हराकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. बेंगलुरु के एम चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम में हुए फायनल मैच में आखिरी दिन मध्यप्रदेश की टीम ने 6 विकेट से इस मैच में विजय प्राप्त की।
 
इस फाइनल मैच में मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। टीम ने सरफराज खान (134) के शतक और यशस्वी जायसवाल (78) की शानदार पारी की बदौलत 347 रन बनाए। वहीं ओपनर यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार के शतकों के दम पर मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। इसके बाद मुंबई की दूसरी पारी 269 रन पर सिमट गई, जिससे मध्यप्रदेश को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला। मध्यप्रदेश ने 4 विकेट खोकर 29.5 ओवर में ही इसे हासिल कर रणजी ट्राफी अपने नाम कर ली।
 
खिलाड़ियों को मिलेंगे 2 करोड़ रूपये
 
मध्यप्रदेश की टीम को रणजी फायनल में प्राप्त हुयी विजय के बाद इंदौर पहुंची टीम के लिए मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने कहा, कि ''टीम की ऐतिहासिक जीत पर हम बहुत खुश हैं। यह मध्य प्रदेश के लिए अभूतपूर्व सफलता है। यह जीत राज्य की पूरी जनता को समर्पित है। चंद्रकांत पंडित और टीम के सभी सदस्यों ने शानदार काम किया है। एमपीसीए की ओर से दो करोड़ रुपये की इनामी राशि पूरी टीम को दी जाएगी।''
 

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