सब्जी बेंचकर जज बनने वाली अंकिता की कहानी है रोचक

घंटों पढाई कर पायी सफलता

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    06-May-2022
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ANKITA NAGAR
 
इंदौर। इंसान का अगर लक्ष्य के प्रति समर्पण हो और उसके लिए पूर्ण निष्ठा के साथ प्रयासरत बने रहें तो निश्चित ही सफलता की चोटी पर पहुँच सकता है. इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है इंदौर में रहने वाली अंकिता नागर ने. वे सिविल जज बन गयीं हैं. उनके पिताजी सब्जी का ठेला लगाते हैं. जब परिणाम उनके सामने आया. बुधवार को अंकिता ने सब्जी बेंच रहीं अपनी माँ के पास पहुंचकर उन्हें इस बात की जानकारी दी तो उनकी माता की ख़ुशी देखते ही बनती थी।
 
25 वर्षीय अंकिता ने अपनी उपलब्धि के बताया कि उनके परिवार में सभी लोग सब्जी बेचने का काम करते हैं। पिताजी सुबह 5 बजे उठकर मंडी चले जाते हैं, मम्मी सुबह 8 बजे सभी के लिए खाना बनाकर पापा के सब्जी के ठेले पर चली जाती हैं, फिर दोनों सब्जी बेचते हैं। वहीं बड़ा भाई मंडी में मजदूरी का काम करता है और उनकी छोटी बहन की शादी हो गई हैं।
 
अंकिता बताती हैं कि वह प्रतिदिन 8 घंटे पढ़ाई करती थी, कई बार तो ठेले पर सब्जी बेंचने तक वह पहुँच जाती थीं. वह बताती हैं कि शाम के समय जब भीड़ अधिक रहती थी तो वह सब्जी विक्रय कराने में परिजनों को सहयोग देती थीं फिर रात 10 बजे दुकान बंद करके घर आया करती थीं. जिसके बाद 11 बजे अध्ययन हेतु बैठ जाती थीं।
 
वह पिछले 3 वर्षों से सिविल जज की तैयारी कर रहीं थीं, उन्होंने इंदौर 2017 में इंदौर के वैष्णव कॉलेज से LLB किया। 2021 में LLM की परीक्षा पास की। उनके पिताजी ने किसी से उधार रूपये लेकर उनकी फीस भरी। कॉलेज के बाद लगातार सिविल जज की तैयारी में करती रहीं।
 
अंकिता का घर छोटा था, बारिश में पानी टपकने साथ अन्य सभी बातें आम थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानीं और अपने लक्ष्य के प्रति कार्य करती रहीं. इस बीच उनके भाई ने उन्हें रूपये जोड़कर कूलर दिलवाया जिससे गर्मी के समय में उन्हें परेशान न होना पड़े। ऐसी परिस्थितियों में रहकर अंकिता ने सिविल जज बनने के लिए दो बार परीक्षाएं दीं. तब जाकर उन्हें यह सफलता प्राप्त हुई।
 
अंकिता के माता पिता ने उनकी इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया।