संविधान दिवस, संविधान पर सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत का उद्बोधन- 1

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    26-Nov-2022
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mohan bhagwat ji
 
“शासन-प्रशासन के किसी निर्णय पर या समाज में घटने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते समय अथवा अपना विरोध जताते समय, हम लोगों की कृति, राष्ट्रीय एकात्मता का ध्यान व सम्मान रखकर, समाज में विद्यमान सभी पंथ, प्रांत, जाति, भाषा आदि विविधताओं का सम्मान रखते हुए व संविधान-कानून की मर्यादा के अंदर ही अभिव्यक्त हो यह आवश्यक है।
 
दुर्भाग्य से अपने देश में इन बातों पर प्रामाणिक निष्ठा न रखने वाले अथवा इन मूल्यों का विरोध करने वाले लोग भी, अपने आप को प्रजातंत्र, संविधान, कानून, पंथनिरपेक्षता आदि मूल्यों के सबसे बड़े रखवाले बताकर, समाज को भ्रमित करने का कार्य करते चले आ रहे हैं। -डॉ. मोहन भागवत, सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (श्री विजयादशमी उत्सव, नागपुर- 25 अक्टूबर, 2020)