विदिशा. समाज और राष्ट्र की उन्नति और परिवर्तन में सहयोग करना संघ कार्य है। समाज को निस्वार्थ भाव से अधिकाधिक देना यह संघ की शाखा सिखाती है। संघ में दायित्व के लिए स्पर्धा नहीं होती बल्कि कौन समाज एवं राष्ट्र के लिए अधिक से अधिक कार्य करेगा इसके लिए स्पर्धा होती है। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह-सर-कार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने विदिशा में आयोजित विजयादशमी उत्सव के दौरान कही.
उन्होंने एक रिक्शा चालक स्वयंसेवक की निष्ठा का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि हम समाज से जो ले रहे हैं उससे अधिक ही देना है, कम नहीं देना है। समाज और राष्ट्र की पूजा करना भक्ति भाव से कार्य करना है क्योंकि इसी भाव से राष्ट्र निर्माण होगा। उन्होंने जाति भेद, ऊंच नीच आदि का हिन्दू धर्म में कहीं भी स्थान न होंने की बात कही.
उन्होंने कहा संघ द्वारा समाज, राष्ट्र की उन्नति के लिए संघ को सहयोगी बताया. वे बोले कि संघ निःस्वार्थ भाव से ज्यादा से ज्यादा देने की भावना सिखाता है.
पथ संचलन विदिशा नगर के गल्ला मंडी प्रांगण से प्रारंभ होकर रीठाफाटक, बजरिया होते हुये तिलक चौक पहुंचा. वहीं दूसरा संचलन गल्ला मंडी प्रांगण से प्रारंभ होकर किरी मोहल्ला, माधवगंज अस्पताल रोड़ होते हुये तिलक चौक पहुंचा, जहां दोनो संचलन का मिलन हुआ इसके बाद संचलन भव्य स्वरूप लेते हुए माधगवंज तक पहुंचा. जिसके बाद यह पुनः दो भागों मे बंट गया.
नगर के मुख्य मार्गों से होकर जाने वाले इस संचलन का जगह-जगह पर स्वागत किया गया. सामाजिक और व्यापारिक संगठनों द्वारा पुष्प वर्षा कर संचलन का स्वागत किया गया. उक्त दोनो संचलन का समापन गल्ला मंडी प्रांगण में हुआ. संचलन के पश्चात नगर कार्यवाह द्वारा आभार व्यक्त किया गया.