गोबर से बनेगी लकड़ी, हजारों महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    20-Sep-2021
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मध्यप्रदेश के सीधी  जिले में गाय के गोबर से गो कास्ट (गोबर की लकड़ी ) बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए आजीविका मिशन सीधी ने 30 महिलाओं के एक बैच को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण एक सप्ताह तक चलेगा। प्रशिक्षण समाप्त होते ही स्व सहायता समूह की महिलाएं गो कास्ट बनाकर बेचने का काम शुरू कर देंगी। 
 
गाय के गोबर से बनेगी लकड़ी, आठ हजार महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
 
जिले में गाय के गोबर से गो काष्ठ (गोबर की लकड़ी ) बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए आजीविका मिशन सीधी ने 30 महिलाओं के एक बैच को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण एक सप्ताह तक चलेगा। प्रशिक्षण समाप्त होते ही स्व सहायता समूह की महिलाएं गो काष्ठ बनाकर बेचने का काम शुरू कर देंगी। इस कार्य की शुरुआत होने से आठ हजार से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाएंगी। इस कार्य को लेकर समूह की महिलाओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। गो काष्ठ को मुक्तिधाम में भी बेचा जाएगा, ताकि शवों का अंतिम संस्कार में ये काम आएं।
 
ऐसे तैयार किया जाएगा गो काष्ठ
 
जिले में 15 गोशाला ग्राम पंचायत स्तर पर बनाई गई हैं जिसमें 13 गोशालाओं को स्व सहायता समूह की महिलाएं चला रही हैं।
एक समूह में 12 से 15 महिलाएं होती हैं। इसके अलावा उनके घर के सदस्य भी इस कार्य में जुटेंगे।
आजीविका मिशन इलेक्ट्रिक मशीन लगाएगा। इसके साथ ही गोबर में मिलाने वाले मसाला व अन्य सामग्रियों को उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि महिलाएं कम समय में ज्यादा से ज्यादा गो काष्ठ तैयार कर सकें।
गोशाला में ही इलेक्ट्रॉनिक मशीन लगाई जाएगी, ताकि रा मटेरियल लेने के बाद तत्काल बनाया जा सके।
गो काष्ठ को खुले बाजार में पांच रुपये प्रति किलो जबकि मुक्तिधाम में चार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाएगा।
 
मुक्तिधाम में लकड़ी की खपत कम होगी
 
स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि वे गोबर से बनी लकड़ियों को शांति धाम में बेचेंगी। गाय का गोबर शुद्घ और पवित्र माना जाता है। मुक्तिधाम में लोग पेड़ों की लकड़ियों के बजाए गाय के गोबर से बनी लकड़ी का उपयोग करेंगे तो अच्छा होगा। इससे लकड़ी की खपत भी कम होगी।
गाय के गोबर से गो काष्ठ तैयार करने का प्रशिक्षण स्व सहायता समूह की महिलाओं को दिया जा रहा है। जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी।
 
-रवींद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर सीधी।
 
गाय के गोबर से बनने वाले गो काष्ठ का प्रशिक्षण 30 महिलाओं को दिया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर प्रशिक्षण समाप्त हो जाएगा। इसकी शुरुआत पांच गोशालाओं से होगी और फिर सभी गोशाला में गो काष्ठ तैयार किया जाएगा।
 
-संजय चौरसिया, डीपीएम, एनआरएलएम सीधी।
 
 
 
सन्दर्भ - नईदुनिया