भूरी बाई ने जारी किया "रंग संवाद" का नया अंक

26 Jul 2021 13:25:30
  
 
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भोपाल। सांस्कृतिक सरोकारों की प्रतिष्ठित- पुरस्कृत पत्रिका "रंग संवाद" का नया अंक देश की प्रख्यात भील चित्रकार भूरी बाई ने जारी किया। टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र तथा वनमाली सृजन पीठ द्वारा प्रकाशित सौ पृष्ठों के इस समृद्ध अंक का आवरण भूरी बाई के आदिम रंगों से महकती कलाकृति से सुसज्जित है। विनय उपाध्याय द्वारा संपादित इस दस्तावेजी संस्करण में सदी के नायक महान सितार वादक पंडित रविशंकर, चित्रकार सैय्यद हैदर रज़ा और माच लोकमंच कलाकार सिद्धेश्वर सेन सहित हाल ही दिवंगत गुलाम मुस्तफ़ा, राजन मिश्र , नरेंद्र कोहली , मंगलेश डबराल, सुनील कोठारी,सुरेश मिश्र ,अस्ताद देबू , सतीश मेहता ,मंज़ूर एहतेशाम , कुँअर बेचैन सहित दो दर्जन से भी अधिक कला विभूतियों की स्मृतियाँ साझा हैं।
   
 आलेख और संवाद की श्रृंखला में मोहन आगाशे , अतुल तिवारी , मंजरी सिन्हा , नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, निर्मला डोसी , श्रीराम परिहार, अजय बोकिल , राकेश श्रीमाल, विजय मनोहर तिवारी आदि लेखक शामिल हैं। नृत्य की सांगीतिक छवियों पर स्वरांगी साने की मार्मिक कविता है। प्रधान सम्पादक संतोष चौबे ने "कलात्मक संवेदना की ज़रुरत" शीर्षक अपने आलेख में कोरोना से जुड़ी नकारात्मक मानसिकता से उबरने का सांस्कृतिक विकल्प दिया है , वहीं सम्पादक विनय उपाध्याय ने जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य "कामायनी' का सन्दर्भ लेते हुए वैश्विक आपदा को नयी निगाह से देखने का आग्रह किया है। "विश्व्रंग" 2020 के विराट आयोजन की गतिविधियों का लेखा -जोखा संजय सिंह राठौर, समीर चौधरी, सुदीप सोहनी और विशाखा ने पेश किया है। आवरण आकल्पन वन्दना श्रीवास्तव ने किया है। शब्दांकन अमीन उद्दीन शेख़ का है।
 
 
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