दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा देव स्थानम् बोर्ड में जोड़े गये 51 नये मंदिरों को इससे मुक्त करने के साथ ही बोर्ड की समीक्षा के आश्वासन पर हर्ष व्यक्त किया. उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में प्रसन्नता व्यक्त की. इस अवसर पर निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द गिरी, स्वामी कृष्णाचार्य डॉ. रामेश्वरदास वैष्णव, म0म0 स्वामी ललितानंद गिरि महाराज, महंत नौत्तम स्वामी, योगीराज दिव्यानंद, डॉ. श्याम देवाचार्य, महंत कन्हैया दास, स्वामी अखिलेश्वर दास, स्वामी कृष्ण चैतन्य स्वामी, स्वामी परमानंद, महंत उमेश नाथ-उज्जैन, स्वामी परमानंद सरस्वती-राजकोट, स्वामी चिदानंद मुनि, महंत विष्णुदास, महंत फूलडोल बिहारी दास जी, महंत सांवरिया बाबा, महंत राजेन्द्र दास, महंत रामजी दास, महंत गौरी शंकर दास, महंत धर्मदास, महंत वंशीवट पीठाचार्य जयराम दास, महंत सुरेश दास, महंत वैष्णव दास, महंत परशुराम दास, म0म0 हरिहरानंद, स्वामी प्रखर महाराज, स्वामी विश्वेश्वरानंद-रोहतक, स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती, स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि, स्वामी अभयानंद सरस्वती, स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि, स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी चिंतप्रकाशानंद, स्वामी रवीन्द्रपुरी-निर्वाणी, महंत दुर्गादास, महंत रघुमुनि, मुख्यिा महंत भगतराम, महंत जगतार मुनि, स्वामी हंसराम, आदि उपस्थित रहे.
उपवेशन का संचालन विहिप के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया. उपवेशन में पधारे संतजनों का स्वागत विहिप के संरक्षक दिनेश चन्द्र, कार्याध्यक्ष अलोक कुमार, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, सहित अन्य पदाधिकारियों ने किया.