दीनदयाल शोध संस्थान एवं सलाम मुंबई फाउंडेशन द्वारा चित्रकूट जनपद में "तम्बाकू नियंत्रण" कार्यक्रम की शुरूआत

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    10-Apr-2021
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चित्रकूट: "तंबाकू छोड़िए-अच्छी सेहत से जुड़िये" इसके लिए बच्चों सहित अपने आसपास के लोगों को बताएं कि तंबाकू सेवन से कौन-कौन सी बीमारियां दस्तक देती हैं और उससे शरीर में कौन कौन से रोग पैदा होते हैं जो लाइलाज होते हैं। वहीं सभी लोगों को बताएं कि तंबाकू सेवन ना करें और रोगों से छुटकारा पाएं। सभी को कहा गया कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार अपने गांव टोले मोहल्ले में करें। ताकि, लोग तंबाकू का सेवन ना करें और तंबाकू मुक्त चित्रकूट बनाया जा सके। उपरोक्त बातें दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने चित्रकूट जनपद में "तम्बाकू नियंत्रण" कार्यक्रम की शुरूआत अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां में अपने वक्तव्य में कहीं।
दीनदयाल शोध संस्थान एवं सलाम मुंबई फाउंडेशन द्वारा "तम्बाकू नियंत्रण" के लिए चित्रकूट जनपद के गांवों में 'जिंदगी को हां - तंबाकू को ना' जनजागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत आज कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से की गई। इसके अन्तर्गत चित्रकूट जिले के छह विकास खंडों के 17 सौ से अधिक विद्यालयों में तंबाकू नियंत्रण के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। जिसके लिए जिला एवं विकास खंड स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना बनी है।
उपरोक्त कार्यक्रम में मुख्य रुप से दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन, समाज शिल्पी दंपत्ति प्रभारी डॉ. अशोक पांडेय-श्रीमती सीमा पांडेय, कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां के प्रभारी डा. चन्द्रमणि त्रिपाठी, जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट के परियोजना अधिकारी श्री राजेंद्र सिंह, रिसोर्स सेन्टर प्रभारी श्री विनीत श्रीवास्तव सहित दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के सभी स्वाबलंबन केंद्रों के समाज शिल्पी दंपत्ति एवं विद्यालयों के शिक्षक मौजूद रहे।
दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन द्वारा तंबाकू मुक्त विद्यालय परिसर बनाने में शिक्षकों के योगदान की भी चर्चा की एवं चित्रकूट जिले में किस प्रकार हम जागरूकता अभियान द्वारा लोगो को तंबाकू सेवन छोड़ने को प्रेरित कर सकते इस पर भी चर्चा की।
रिसोर्स सेंटर के प्रभारी श्री विनीत श्रीवास्तव ने बताया कि तंबाकू से स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी काफी असर पड़ता है एवं छात्रों में तंबाकू का सेवन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, छात्रों में इसे रोकने की तथा उन्हें इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताना एवं जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज भी कई इलाकों में अतिथियों के स्वागत में तंबाकू सेवन की परंपरा है, जिसे बदलना होगा, क्योंकि बच्चे अभिभावक और अपने बड़ों को देखकर ही तंबाकू का सेवन प्रारंभ करते हैं और इसकी लत में आ जाते हैं।
डॉ अशोक पांडेय ने तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि किस प्रकार इससे अनेक बीमारियां होती हैं, हमें इनसे हर हाल में बचना ही चाहिए। उन्होंने बताया कि सलाम मुंबई फाउंडेशन व दीनदयाल शोध संस्थान के प्रयास से अभी तक सतना जिले के अंतर्गत विद्यालयों के आसपास से गुटका तंबाकू बेचने वाली दुकानें हटाई जा रहीं हैं तथा कई विद्यालय पूरी तरह नशा मुक्त किए गए हैं।
जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट के परियोजना अधिकारी श्री राजेंद्र सिंह ने बताया कि गांव के बच्चों में जागरूकता एवं शिक्षा की कमी के कारण तंबाकू का सेवन अधिक मात्रा में होता था, इसलिए गांव में जाकर उनको जागरूक किया गया, साथ ही उनके अभिभावक को बताया गया कि आप भी तंबाकू का सेवन ना करें क्योंकि बच्चे अधिकतर अपने अभिभावक को देखकर ही तंबाकू सेवन प्रारंभ करते हैं, वह धीरे-धीरे इसके आदी हो जाते हैं।
आरोग्यधाम के द्वारा भी अपने स्वास्थ्य शिविरों एवं दंत चिकित्सा निवारण कैंपों के माध्यम से चित्रकूट एवं सतना जिले के ग्रामों एवं विद्यालय परिसरों में अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं चिकित्सकों के माध्यम से तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।