मध्य प्रदेश में 300 करोड़ रुपये की लागत से 90 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाएगी एस्सार पावर

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    24-Feb-2021
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रुइया-परिवार द्वारा संचालित एस्सार पावर लिमिटेड सीईओ कुश सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी कंपनी अक्षय ऊर्जा में निवेश करेगी. इसी निवेश के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 300 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा. नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रवेश पर्यावरण पुनर्संतुलन के लिए कंपनी द्वारा किये जा रहे रणनीतिक प्रयास का हिस्सा है.

उन्होंने कहा की "एस्सार ग्लोबल फंड (ईजीएफएल) की एक निवेशकर्ता कंपनी एस्सार पावर लिमिटेड के बोर्ड ने अक्षय ऊर्जा में फंड के फोरे को चिह्नित करते हुए मध्य प्रदेश में 90 मेगावाट (मेगावाट) के पीवी सौर ऊर्जा संयंत्र में 300 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है।"

 

अक्षय उर्जा के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है भारत

ब्रिटेन की अकाउंटेंसी फर्म अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिए आकर्षक देशों की सूची में भारत को दूसरा स्थान दिया था. ईवाई ने अपनी सूची में भारत को अमेरिका से ऊपर जगह दी है. इसका कारण उसने भारत सरकार की ऊर्जा नीति और अक्षय ऊर्जा की दिशा में प्रयासों को बताया है. आंकड़ों के अनुसार बीते तीन साल में भारत में सौर ऊर्जा का उत्पादन अपनी स्थापित क्षमता से चार गुना बढ़ कर 12 हजार मेगावाट पार कर गया है. एक अनुमान के अनुसार साल 2040 तक भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ सकता है. ऐसे में भविष्य की इस मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का प्रयोग करना समझदारी भरा कदम है.

भारत में सौर ऊर्जा की काफी संभावनाएं हैं, क्योंकि देश के अधिकतर हिस्सों में साल में 250-300 दिन सूरज अपनी किरणों बिखेरता है. दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद बिजली की खपत वाले तीसरे बड़े देश भारत ने वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट हरित ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. अगर भारत इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो हरित ऊर्जा के मामले में वह दुनिया के तमाम विकसित देशों से आगे निकल जाएगा. इसके अलावा इससे 2030 तक तेल आयात में 10 फीसद की कटौती करने का लक्ष्य भी हासिल हो जाएगा. यह प्रदूषण मुक्त सस्ती ऊर्जा के साथ-साथ ऊर्जा उपलब्धता और देश की आत्मनिर्भरता बढ़ाने में सहायक साबित होगा.

झारखंड में बनेगा तैरता सोलर प्लांट

अक्षय उर्जा के इस अभियान को और आगे बढ़ाते हुए रांची के गेतलसूद और धुर्वा डैम पर कुल 150 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने की योजना है. इन दोनों संयंत्रो को स्थापित करने के लिए हाल ही में विश्व बैंक ने निवेश के लिए सहमति दे दी है. जल संसाधन विभाग और वन विभाग से से एनओसी मिल गई है. अगले वर्ष जुलाई से सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो जाएगा. गेतलसूद डैम के 1.6 वर्ग किमी क्षेत्र में 100 और धुर्वा डैम के 0.8 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए सेकी संयंत्र लगाएगा.

दोनों संयंत्रों को स्थापित करने में 600 करोड़ रुपये का निवेश होगा है. सेकी के आकलन के मुताबिक इससे करीब 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा. सौर ऊर्जा अधिकतम 3.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलेगी.