मेरा जीवन धन्य हो गया , रामदूतों ने अंतिम इच्छा की पूरी

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    10-Feb-2021
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सैकड़ों वर्ष के संघर्ष के बाद अब जाकर हम हिन्दू समाज के आराध्य देव मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का मंदिर निर्माण होते देख रहे हैं. भारत भूमि के जन जन में प्रभु श्री राम के प्रति आस्था का दरिया भरा हुआ है , जिसके सैकड़ों उदाहरण मंदिर निर्माण हेतु चल रहे देश व्यापी निधि समर्पण अभियान के दौरान देखने मिल रहे हैं. आज हम ऐसे ही कुछ मार्मिक और प्रेरक प्रसंग साझा कर रहे हैं, जो यह सिद्ध करते हैं की तमाम दुष्प्रचारों के बाद भी आज राम जन जन के अंतरात्मा में निवास करते हैं.
पहला किस्सा गुना जिले से 45 किलोमीटर दूर जंगलों से घिरे वनवासी गाँव गड़रियाकोडर का है. जहाँ निधि समर्पण कर रहे कार्यकर्ताओं को 95 वर्षीय किशनलाल बारेला ने अपने घर बुलाकर 1000 रुपए की राशि समर्पित करते हुए नम आँखों के साथ कहा "मेरा जीवन आज धन्य हो गया हमने जबसे सुना है भगवान राम के मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया है. मैं यही सोच रहा था कि मेरे गांव से मेरा सहयोग कैसे जाएगा , मेरे मरने से पूर्व मेरी अंतिम इच्छा पूरी कैसे हो पाएगी? किंतु आज भगवान राम ने आपको रामदूत बना कर मेरे पास मेरी अंतिम इक्षा पूरी करने भेजा है. आज मेरा जीवन धन्य हो गया " वनवासी मामा के इन शब्दों ने समर्पण निधि एकत्रित कर रहे कार्यकर्ताओ को उत्साह से भर दिया.
जब सफाई करने वाली माताओं ने किया समर्पण

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ठीक ऐसा ही एक वाक्या ग्वालियर के गुरुद्वारा बस्ती से सामने आया. जहाँ शहर की सफाई व्यवस्था को संभालने वाली माताओं ने सुबह सुबह निधि समर्पण करने निकले कार्यकर्ताओं को टोक कर धन संग्रह के बारे में जानकारी ली, जब कार्यकर्ताओं ने इन बहनों को अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी तो स्वयं ही सफाई कर्मियों की इस महिला टोली ने अपने अपने सामर्थ्य अनुसार सहयोग किया.
घुमंतू जनजाति का प्रेरक समर्पण

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देश के अलग अलग हिस्सों में घूम कर अपना जीवन यापन करने वाले घुमंतू जनजाति के बन्धु भी प्रभु श्री राम के प्रति अपने भाव प्रकट करने में पीछे नहीं रहे. विदिशा जिले के गंजबासौदा में निधि समर्पण कर रहे कार्यकर्ता जब शहर की सीमा के पास डेरा लगाए इन जनजाति के कार्यकर्ताओं के समीप से रामधुन निकले तो कौतूहलवस डेरा के एक सदस्य ने कार्यकर्ताओं से रामधुन गाने का कारण पूछा जब कार्यकर्ताओ ने डेरा के सदस्यों को बताया कि प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर अब अयोध्या में बनने जा रहा है. इस बात को सुन कर उत्साह पूर्ण जनजाति समाज के बन्धुओं ने मर्यादा पुरूषोत्तम के प्रति अपनी सामर्थ्यशक्ति अनुसार अर्थ समर्पित किया.
किन्नरों ने याद दिलाया त्रेतायुग का प्रसंग

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भव्य राममंदिर निर्माण के लिए चल रहे इस महाअभियान ने कलयुग में लोगों को त्रेतायुग की भी याद दिला दी जब गंजबासौदा के किन्नर मुन्ना नायक को धन संग्रह अभियान की जानकारी जब सोशल मीडिया के माध्यम से लगी तो उन्होंने खुद व खुद अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं से सम्पर्क कर समर्पण करने की इच्छा जताई. कार्यकर्ताओं को लगा की मुन्ना मामा कुछ सामान्य राशि ही समर्पित करेंगे किंतु जब मुन्ना मामा अपने कमरे से चेक लाकर कार्यकर्ताओं को सौंपा तो कार्यकर्ता आश्चर्यचकित रह गए. क्योंकि किन्नर मुन्ना नायक ने 5 लाख रुपए की बड़ी राशि प्रभु राम की कुटिया निर्माण हेतु समर्पित की. ठीक इसी प्रकार विदिशा के किन्नर रत्ना गुरु ने त्रेतायुग की याद दिलाते हुए कहा कि किन्नर समाज हमेशा से ही प्रभु भक्ति में आम जन से आगे रहा है त्रेता में भगवान के आशीर्वाद से ही आज हम लोग लोगों को आशीर्वाद दे पा रहे हैं यह कहते हुए किन्नर रत्नागुरु ने 5 लाख रुपए की राशि प्रभु राम को समर्पित की .
वर्षों से रामचरित मानस में एकत्रित करके रखी हुई राशि का किया समर्पण

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निधि समर्पण अभियान हर दिन के साथ एक समागम बनता गया जिनमें लोगों के भावों का समागम , संकल्पों का त्याग का समागम देखने को मिला जब विदिशा के डंगरबाड़ा निवासी हीरा बाई जो कि वर्षो से रामचरित मानस में प्रभु श्री राम को समर्पित करने राशि एकत्रित कर रहीं थी जब निधी समर्पण अभियान के कार्यकर्ता उनके घर पहुँचे तो हीराबाई ने सारी की सारी राशि राम भक्तों को समर्पित कर दी. हीराबाई के इस अद्भुत समर्पण का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ.