कोरोना काल में बीते 06 जून से मंदिर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. मंदिर के पुजारी सुबह 04 बजे नियमित भस्मारती कर रहे थे लेकिन आम श्रधालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं थी. महाकाल मंदिर में आयोजित होने वाली भस्मारती में करीब 2000 लोगों की एक साथ बैठने की व्यवस्था रहती है. इसके साथ हीं नंदी हॉल में 70 और गणेश मंडपम में 1580 लोगों के बैठने की व्यवस्था रहती है.
बेहतर की जाएँगी व्यवस्थाएं
बैठक में अन्य विषयों पर भी चर्चा की गयी इस दौरान भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने की भी बात कही गयी. भस्मारती के लिए ऑनलाइन अनुमति ले वाले 800 लोगों के लिए 100 रूपए का शुल्क निर्धारित रहेगा. उसके बाद सभी के लिए निशुल्क अनुमति पत्र जारी किये जायेंगे. तत्काल बुकिंग के लिए अभी मंदिर परिसर में 08 कीओस्क लगे हैं, इनके संख्या बढ़ाये जाने पर भी सहमति बनी है. मंदिर में दान करने वाले विदेशी श्रधालुओं के लिए फॉरेन करेंसी खाता भी शुरू किये जाने की योजना है.