स्वदेशी जागरण मंच की 15 भी राष्ट्रीय सभा का समापन

कृषि उत्पादन एवं सेवा यह तीन हमारी अर्थव्यवस्था के प्रमुख भाग

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    27-Dec-2021
Total Views |
swadeshi jagran manch _1
 
स्वदेशी जागरण मंच की त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सभा के अंतिम दिन आज प्रातः क़ालीन सत्र में “अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट को भारत में संचालित करने की अनुमति वापस ले” यह प्रस्ताव पारित किया गया। मंच का मानना है कि यह विदेशी कंपनियां भारत के छोटे और मझोले उद्योगों के लिए हानिकारक है ।साथ ही भारत में रोज़गार सृजन को भी कम करती हैं।
 
द्वितीय सत्र में माननीय केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
 
अपने उद्बोधन में है उन्होंने कहा दत्तोपंत जी ने सेवाभाव एवं सादा जीवन उच्च विचारों की जो धारा समाज में स्वदेशी जागरण मंच के माध्यम से प्रभावित की है वह अविरल रूप से समाज के अंतिम तबके तक पहुँच रही है। श्री सिंधिया जी ने बताया कि दत्तोपंत जी का सिंधिया परिवार से बहुत पुराना उनके दादा जी के समय से संबंध रहा है।
 
उन्होंने बताया समावेशी और स्वदेशी यह दो मूल मंत्र स्वदेशी के हैं और अकेले स्वदेशी के ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत का यही मूल मंत्र है ।इसी के आधार पर भारत का निर्माण किया जा सकता है । और इतिहास को जानकर ही भविष्य निर्माण की संकल्पना की जा सकती है।
 
उन्होंने वर्तमान मोदी सरकार जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि मोदी जी के आने के बाद प्रतिभा पलायन रुका है ।भारत एक अवसर हीन देश से सर्वाधिक अवसरवान देश के रूप में बदल चुका है ।प्रधानमंत्री द्वारा युवा शक्ति का सही उपयोग किया जा रहा है।
 
उन्होंने बताया कि कृषि उत्पादन एवं सेवा यह तीन हमारी अर्थव्यवस्था के प्रमुख भाग है। कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं ।स्वसहायता समूह बनाकर कृषि उत्पादों को प्रोसेसिंग कर नए रोज़गार एवं व्यापार का सृजन किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोज़गार की अपार संभावनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने चंदेरी साड़ियों के उद्योग का भी ज़िक्र किया।
 
श्री सिंधिया ने बताया कि भारत में पर्यटन उद्योग में अपार संभावनाएं हैं एवं इसकी विस्तृत व्याख्या की। इस सत्र में स्वागत उद्बोधन साकेत राठौर जी द्वारा दिया गया एवं आभार प्रदर्शन संजीव गोयल ने किया।
 
समारोप सत्र के दौरान स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठनक सतीश कुमार जी ने संकल्प प्रस्तुत किया। एवं बताया कि “देश के लिए काम और काम के पूरे दाम” की धारणा के साथ स्वदेशी स्वावलंबन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है एवं कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस कार्यक्रम को सफल करने में अपनी पूरी ऊर्जा एवं समय दे।
 
समारोह सत्र के दौरान कश्मीरी लाल जी,राष्ट्रीय संगठक स्वदेशी जागरण मंच ने अपना उद्बोधन दिया।उन्होंने बताया कि हम आज आज़ादी की पचहत्तरवीं वर्षगांठ को मनाने जा रहे हैं एवं जिन क्रांतिकारीयो ने बलिदान दिया है उनका स्मरण हमें सदैव रखना चाहिए ।उनके सपनों को साकार करने का संकल्प हम सभी के मन में होना चाहिए। बिना किसी पद की लालसा के स्वदेशी का भाव मन में रखते हुए,पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से सतत् कार्य करते रहना है ऐसा उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया। स्वदेशी के कार्यक्रमों को जन मानस तक ले जाने की अपील की। रोज़गार सृजन की और युवाओं को नए दृष्टिकोण अपनाते हुए अध्ययन के साथ धनअर्जित करने के लिए उद्यम करने की बात पर बल दिया।
 
उन्होंने युवाओं को सुझाव दिया कि रोज़गार दाता बनने का विचार मन में रखे हैं ना कि रोज़गार ढूंढने का ।सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों एवं दैनिक दिनचर्या में स्वदेशी वस्तुओं की अनिवार्यता को प्रमुखता से अपनाने का संदेश दिया ।इस अवसर पर उन्होंने महात्मा गांधी, बाबू गेनू, सावरकर जी एवं जगदीश चंद्र बसु जैसे भारतीय सपूतों का उदाहरण देते हुए स्वदेशी के संकल्प को दोहराया।
 
स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय संयोजक श्रीकांत बुधोलिया द्वारा उपरोक्त जानकारी प्रेषित की गई। कार्यक्रम का संचालन सोमनाथ सचदेवा कुलपति, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा किया गया ।