बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में इस्कॉन के भक्त पूरे देश में करेंगे प्रदर्शन

विश्व संवाद केंद्र, भोपाल    21-Oct-2021
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बांग्लादेश में दुर्गा पूजा (नवरात्रि) के दौरान हिन्दुओं के खिलाफ प्रारंभ हुई हिंसा का क्रम थम नहीं रहा है. हिन्दुओं के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर लोगों का आक्रोश भी बढ़ रहा है. बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर सहित हिन्दू समुदाय पर हमलों के खिलाफ सोमवार को नदिया जिले के मायापुर स्थित इस्कॉन के वैश्विक मुख्यालय में हजारों भक्तों ने इकट्ठा होकर विरोध जताया. भारत सहित विश्व में विरोध प्रदर्शन का क्रम बढ़ रहा है.
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमलों के विरोध में जारी अल्पसंख्यक (हिन्दू) समाज के प्रदर्शन के बीच कट्टरपंथियों ने रविवार की रात रंगपुर जिले में हिन्दुओं के 66 घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और करीब 20 घरों में आग लगा दी. इस्कॉन ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से हमलावरों पर सख्त कार्रवाई और हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है.
इस्कॉन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में 82 देशों के सात हजार से अधिक भक्तों ने भाग लिया. इनमें आस्ट्रेलिया, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, अमेरिका, रूस, चीन, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान व अन्य देशों के भक्त शामिल थे. उन्होंने बांग्लादेश सरकार से अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की अपील की.
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए हमले को लेकर पश्चिम बंगाल में भी रोष है. लोग महानगर से लेकर जिलों और कस्बे में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य में मंगलवार को विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों के बैनर तले प्रदर्शन किया. हमले के विरोध में कलकत्ता में विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने रानी रासमणि एवेन्यू में रोष रैली आयोजित की, जिसमें बांग्लादेश में हमलावरों की पहचान कर उन्हें फौरन गिरफ्तार करने की मांग की गई. वक्ताओं ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने की भी मांग की. इस्कॉन मंदिरों के भक्त भी सडक़ों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 23 अक्तूबर को विश्वभर में इस्कॉन के केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
वृहत् हिन्दू समाज की ओर से कॉलेज स्क्वायर, तारा सुंदरी पार्क, बड़ाबाजार और एलगिन रोड गुरुद्वारा के पास से भी जुलूस निकाले गए. जुलूस में शामिल लोगों ने बांग्लादेश में हुई हिंसा के खिलाफ में जमकर नारे लगाए. उनकी मांग थी कि बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को न्याय मिलना चाहिए.