ग्वालियर। वीरांगना लक्ष्मीबाई कुशल संगठक, शौर्य और दयालुता की प्रतिमूर्ति थीं। वह अपनी प्रजा का बच्चों की तरह ख्याल रखती थीं। रानी लक्ष्मीबाई का पूरा जीवन आदर्शवादी और प्रेरणास्त्रोत रहा है। यह बात महिला समन्वयक ग्वालियर विभाग संयोजिका एवं बाल कल्याण समिति की सदस्य मनीषा शर्मा ने लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में बुधवार को लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महानगर ग्वालियर के तत्वावधान में वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर दीपक शर्मा ने की। इस अवसर पर संघ के ग्वालियर विभाग संघचालक प्रहलाद सबनानी भी मंचासीन रहे। इस मौके पर स्वयंसेवकों ने झांसी की रानी को प्रणाम किया।
मुख्य वक्ता श्रीमती शर्मा ने रानी लक्ष्मीबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 22 वर्ष 7 माह की अल्पायु में भी अपनी बुद्धि, अपने शौर्य और अपने असाधारण कौशल से अमर हो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई भारतीय इतिहास के उन प्रकाशमान नक्षत्रों में प्रमुख हैं जिनकी प्रेरणा आज भी सहस्त्रों हृदयों को मार्गदर्शन करती है। जब वह युद्ध के लिए जाती और हाथ में शस्त्र उठाती तब वह युद्ध की देवी काली की प्रतिमूर्ति दिखाई देती थीं। ब्रिटिश जनरल सर ह्यू रोज भी वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिभा का कायल था। उसने कहा था विप्लवकारियों की सबसे बहादुर और सबसे महान सेनापति रानी थी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मीबाई ने समरसता को भी बढ़ावा दिया था। वह ऊंच-नीच और धार्मिक भेदभाव से रहित थीं।
_202506191530263897_H@@IGHT_1066_W@@IDTH_1600.jpeg)
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दीपक शर्मा ने कहा कि जिस देश के नागरिक सजग होते हैं उस देश का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। सैनिक यदि अनुशासित हो तो युद्ध जीते ही जाते हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में एकल गीत अक्षत सोनी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.नरेश त्यागी ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य यशवंत इंदापुरकर, मध्य भारत प्रांत के सह कार्यवाह विजय दीक्षित, प्रांत व्यवस्था प्रमुख डॉ. कमल जैन, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य डॉ.जगजीत सिंह नामधारी, प्रांत धर्म जागरण प्रमुख नवनीत शर्मा, प्रांत के सह संपर्क प्रमुख नवल शुक्ला, कुटुंब प्रबोधन के प्रांत संयोजक अशोक पाठक, ग्वालियर विभाग सह संघचालक रवि अग्रवाल, विभाग कार्यवाह निरुपम नेवासकर, सह कार्यवाह मुनेंद्र कुशवाह एवं डॉ. वीरेंद्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।