दिव्यांग संत ने 2 को दिया नया जीवन
जबलपुर के दिव्यांग पुजारी बलिराम कुशवाहा की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। तदोपरांत परिजनों ने उनके अंगदान के लिए अनुमति दी। उनके हृदय और लीवर को भोपाल और इंदौर में जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित किया गया। इस तरह, बलिराम कुशवाहा जी ने अपनी मृत्यु के बाद महर्षि दधिची को परंपरा को जीवनात करते हुए दो लोगों को नया जीवन देने का काम किया।
ॐ और गायत्री मंत्र के नियमित उच्चारण मानसिक स्वास्थ्य में सुधार।
सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण रिसर्च में पाया गया है कि ॐ और गायत्री मंत्र के नियमित उच्चारण से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इस अध्ययन में 107 मरीजों में से 90 मरीजों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया, जिन्हें तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा था।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ॐ नाद और गायत्री मंत्र के उच्चारण से उत्पन्न होने वाली तरंगें मस्तिष्क को शांति प्रदान करती हैं और शरीर के चक्रों को सक्रिय करती हैं। इसके अलावा, एकाग्रता में वृद्धि होती है और मूड स्विंग की समस्या से जूझ रही महिलाओं में भी सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है। इस शोध से पुनः प्रमाणित होता है कि हमारी प्राचीन भारतीय परंपराएं मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक पद्धतियां तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से निपटने में मदद कर सकती हैं।